Breaking News

नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने निकला हूं: राहुल गांधी

 भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक संबोधन में बुधवार को राहुल गांधी ने कहा कि हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने निकले हैं। जब भी ये लोग देश में नफरत और हिंसा फैलाने की कोशिश करते हैं, हमारी विचारधारा के लोग बाहर निकलकर देश में मोहब्बत फैलाना शुरू कर देते हैं। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि “किसी ने आज मुझसे कहा आप देश के तपस्वी हो तो, मैं कहता हूं कि मैं कोई तपस्वी नहीं हूं। मुझसे बड़े तपस्वी वह लोग हैं, जो हर लोग रोज सुबह 4:00 बजे उठकर मजदूरी के लिए निकलते हैं, खेतों में काम करते हैं।”
“मैंने कोई बड़ा काम नहीं किया है कि हम कन्याकुमारी से कश्मीर चल दिए। इससे कई ज्यादा बड़ा काम हर रोज इस देश के गरीब लोग, किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार सब करते हैं।”
आगे राहुल गांधी ने कहा, “मैं हर पार्टी की बात कर रहा हूं। आजकल नेताओं के बीच में और जनता के बीच में खाई बन गई है। नेता सोचते हैं कि जनता को उनके भाषण सुनने की आदत बन गई है। और घंटों लंबे भाषण देते हैं, इस यात्रा ने उसको बदलने की कोशिश की है, 7-8 घंटे हम चलते हैं। और हमारे सारे के सारे नेता किसानों की, मजदूरों की, गरीबों की, छोटे दुकानदारों की, सब की बात सुनते हैं। और 7-8 घंटे चलने के बाद सब से मिलते हुए सब की बात सुनने के बाद हम 15 मिनट भाषण देते हैं।”
“मुझे यह सुनकर बड़ी खुशी हुई है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री राजस्थान के पीसीसी प्रेसिडेंट ने यह निर्णय लिया है कि महीने में एक बार राजस्थान की कैबिनेट राजस्थान के सब नेता 15 किलोमीटर चलकर जनता के बीच में जाकर उनकी बात सुनकर जनता के लिए काम करेंगे । और मैं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी से कहूंगा कि जहां भी हमारी सरकार है। हमारे कैबिनेट को हमारे विधायकों को हमारे नेताओं को महीने में कम से कम एक दिन सड़कों पर निकल कर चलना चाहिए, धक्के खाना चाहिए, गिरना चाहिए अपने घुटने छिलवाना चाहिए। जनता से मिलकर जनता की बात सुनना चाहिए।”