इन दिनों पितृपक्ष चल रहा है | 1 सितम्बर से आरम्भ हुआ पितृपक्ष 17 सितम्बर 2020 तक चलेगा | पितृपक्ष में लोग अपने पितरो की शांति और उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ करते है | ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज धरती पर आते है और हमे आशीर्वाद देते है | कई बार पितरो के रुष्ट होने पर पितृ दोष का भी सामना करना पड़ता है | जिस वजह से जीवन में कठिनाई और अशांति उत्पन्न होने लगती है | ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे है, जो बताते है कि कहीं आपके पितृ आपसे रुष्ट तो नहीं |
- यदि आपको सपने में बार बार अपने मृत पूर्वज नजर आ रहे है | आपको बार उनका ही सपना आ रहा है | तो ये इस बात का संकेत है, कि उनकी कोई इच्छा अधूरी रह गयी है | ऐसी स्थिति में आपको उनकी कोई मनपसंद वस्तु का दान करना चाहिए |
- यदि आपके घर में पूर्णतः साफ़ सफाई है, लेकिन फिर भी आपको घर में दुर्गन्ध महसूस हो रही है | तो अवश्य ही यह पितरो के रूठने का संकेत है |
- पितृदोष के दौरान भोजन करते समय यदि भोजन में बाल निकले तो ये भी पितृ दोष का संकेत हो सकता है | यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो आप इसे नजरअंदाज ना करे | ऐसी स्थिति में आप ज्योतिषी को अपनी कुंडली अवश्य दिखाए |
- यदि घर में किसी सदस्य के विवाह में देरी हो रही है, या बना बनाया रिश्ता टूटने की कगार पर आ गया है | तो इसका साफ़ मतलब है कि आपके पितृ आपसे रुष्ट है |
- यदि आपके कार्यो में बार बार कोई बाधा उत्पन्न हो रही है, तो इसकी वजह पितृदोष हो सकती है | ऐसी स्थिति में आपको उनकी शांति के उपाय करने की जरूरत है |
इस तरह पा सकते है पितृ दोष से मुक्ति
- आप रोजाना घर में सुबह और शाम पूजा के समय कपूर जलाये |
- अच्छे कर्म करे, जरूरतमंद लोगो को दान करे |
- मदिरा और मांस का सेवन न करे |
- परिवार के सदस्यों संग प्रेम से पेश आये |
- पितृ दोष सुधारने में वास्तु शास्त्र भी मदद करता है | इसीलिए घर के ईशान कोण को मजबूत करे |
- रोजाना गाय, कुत्ते और पक्षियों को रोटी खिलाये |
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाये और माथे पर केसर का तिलक लगाए |
- शास्त्रों के अनुसार श्रीमद भगवत गीता का पाठ पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है |