कोरोना के कोहराम के बीच कुछ लोग मानवता विरोधी काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) शहर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़े गये हैं। पकड़े गये आरोपियों पर ‘रासुका’ यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया है। ज्ञात हो कि रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में पिछले महीने अप्रैल में गिरफ्तार हुए आरोपी सचिन कुमार को उसके दो साथियों के साथ पकड़ा गया था। उस पर कई धाराओं में केस दर्ज था लेकिन अब जिला पुलिस ने आरोपी पर एनएसए के तहत कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश में आवश्यक दवाओं की तस्करी और कालाबाजारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) ने ऐसे आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। आरोपियों पर रासुका लगाने के निर्देश दिये गये हैं। कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि एक माह पहले रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के लिए गिरफ्तार किए गए हरियाणा के सचिन कुमार पर रासुका लगाया गया है। सचिन के पास से बरामद सभी इंजेक्शन जांच के बाद नकली पाये गये थे। उन्होंने लोगों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया है।
मिलिट्री इंटेलीजेंस लखनऊ की सूचना पर यूपी एसटीएफ ने बाबूपुरवा पुलिस से मिलकर तीन दवा तस्करों को अरेस्ट किया था। इनके पास 265 रेमडेसिवर इंजेक्शन बरामद हुए थे। एसटीएफ ने कानपुर पुलिस के साथ मिलकर रेमडेसिवर इंजेक्शन की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। मिलेट्री इंटेलीजेंस को सूचना मिली थी कि कोलकाता से रेडिमिसिवर इंजेक्शन की बड़ी खेप कानपुर भेजी जा रही है।
मिलेट्री इंटेलीजेंस को सूचना पर तैयार कानपुर पुलिस ने तत्परता दिखाई। मिलेट्री इंटेलीजेंस ने बताया था कि नौबस्ता का रहने वाला मोहन सोनी रेमडेसिविर रिसीव करने वाला है। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन्हें धर दबोचा था। रेमडेसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी से जुड़े इस मामले में कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें सचिन के अलावा दो दवा विक्रेता प्रशांत शुक्ला, संतोष सोनी भी शामिल थे।