आज तक आप सभी ने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जो अपने काम के लिए मशहूर हैं. कहा जाता है काम करने का जज्बा होना चाहिए इंसान में भले ही उसके हाथ पैर हो या ना हो… अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी ही लड़की की कहानी जिसे सुनकर आप खुश हो जाएंगे. जी दरअसल हम बात कर रहे हैं असम की 21 साल की प्रिंसी गोगोई की. प्रिंसी गोगोई एक ऐसी लड़की हैं जिनके दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन फिर भी उनके जज्बे को सलामी दी जा सकती है. जी दरअसल वह प्राइवेट हॉस्पिटल में फ्रंट डेस्क एग्जीक्यूटिव की नौकरी करती हैं और उनके इस काम को हम सेल्यूट कर सकते हैं.
आप सभी को हम यह भी बता दें कि प्रिंसी असम के छोटे से शहर सोनारी में पैदा हुई हैं. वह बचपन से ही बिना हाथ के हैं. वहीं इस समय वह गुवाहटी में रहती हैं और यहीं के एक निजी अस्पताल में वह नौकरी करती हैं. प्रिंसी गोगोई 12वीं तक पढ़ी हैं और वह पैरों से ही लिखती हैं. केवल यही नहीं प्रिंसी गोगोई पेंटिंग, सिंगिंग और स्पोर्ट्स का भी शौक रखती है. जी हाँ, उनकी सोच बहुत सकारात्मक है. उनका कहना है, ‘मुश्किलें भला किसके जीवन में नहीं हैं? भगवान मेरे दोनों हाथ बनाना भूल गए, लेकिन मैंने पैरों से जीना सीख लिया है.’
केवल यही नहीं वह नौकरी करके घर का सारा खर्च भी खुद ही उठाती हैं. जी हाँ, एक वेबसाइट ने जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा, ‘मुझे एक सरकारी स्कूल में पांचवीं में इसलिए एडमिशन नहीं दिया गया था, क्योंकि मेरे दोनों हाथ नहीं हैं. एक शिक्षक ने मां से कहा था कि वे ‘मानसिक रोगी’ बच्चे को भर्ती नहीं कर सकते. लेकिन एक दरवाजा बंद होता है, तो भगवान दूसरा खोल देता है. गांव के ही एक व्यक्ति की मदद से मेरा एडमिशन प्राइवेट स्कूल में हुआ, जहां से मैंने 10वीं पास की.’ आप सभी को हम यह भी बता दें कि प्रिंसी गोगोई ने पैरों से लिख-लिखकर 12वीं पास की है और उन्हें पेंटिंग का बहुत शौक है. वह पैरों की अंगुलियों से ब्रश पकड़कर पेंटिंग करती हैं.