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‘देश के 140 करोड़ लोगों को आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य’, गृह मंत्री ने कहा- 60 करोड़ गरीबों का जीवनस्त

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में गरीबों सहित सभी 140 करोड़ लोगों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं और इसके लिए समर्पित भाव से काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, रिसर्च और विकास के लिए तमाम योजनाओं को लागू करने के अलावा प्रधानमंत्री ने 60 करोड़ गरीबों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए भी तमाम योजनाएं शुरू की हैं। पीएम स्वनिधि योजना भी इनमें से ही एक है।

गुजरात दौरे पर पहुंचे शाह ने रविवार को अहमदबाद में पीएम-स्वनिधि योजना के लाभार्थियों और परिजनों से मिलन समारोह में कहा, मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही देश का गरीब वर्ग आज स्वनिधि से स्वरोजगार, स्वरोजगार से स्वावलंबन और स्वावलंबन से स्वाभिमान की यात्रा पूरी करने में सक्षम हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएम-स्वनिधि योजना से गरीबों के जीवन में स्वाभिमान का भाव आया है और उनके परिवारजन भी आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, अकेले गुजरात में अब तक एक करोड़ लोगों से लोन के आवेदन प्राप्त हुए हैं, इनमें से 76 लाख को ऋण दिया भी गया है। इनमें 45 प्रतिशत महिलाएं हैं।

अमित शाह ने कहा कि स्वनिधि योजना गरीबों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हुई है। अब छोटे-छोटे रेहड़ी-पटरी वाले बैंक में लोन लेने के लिए जाते हैं और गर्व से कहते हैं कि हमारे लोन के गारंटर पीएम नरेंद्र मोदी हैं। यह देश में बहुत बड़ा बदलाव है।

मेहनतकश लोगों के लिए लाई गई स्वनिधि योजना.शाह ने कहा, भारत में दशकों तक एक वर्ग ऐसा था, जिसने अपनी मेहनत और खून-पसीने से देश के विकास में अमूल्य योगदान दिया। इसी वर्ग के कल्याण के लिए नरेंद्र मोदी पीएम-स्वनिधि योजना लाए थे। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बाद रेहड़ी-पटरी वालों को अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए 1 जून, 2020 को यह योजना शुरू की थी। इसमें किफायती दरों पर ऋण मुहैया कराया जाता है।

शाह ने स्वनिधि कर्ज लेने वाले अधिकतर लोगों के समय से पहले ऋण लौटा देने की सराहना भी की। उन्होंने कहा, छोटे व्यापार के जरिये अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले व्यापारी जितनी साख किसी में नहीं है। इन लोगों ने ऋण वसूली का समय पूरा होने से पहले ही राशि लौटा दी।

गृह मंत्री ने कहा, लोगों को गरीबी से बाहर लाने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। पिछले नौ वर्षों में, तीन करोड़ लोगों को अपना घर मिला, चार करोड़ को बिजली कनेक्शन, 10 करोड़ को गैस सिलिंडर, 12 करोड़ को शौचालय और 60 करोड़ लोगों को पांच लाख के स्वास्थ्य बीमा में शामिल किया गया है।