भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने किसानों के लिए एक अहम और बड़ा फैसला लिया है. किसानों की फल, सब्जियां खराब न हो इसके लिए आज से यानि 7 अगस्त से एक नई ट्रेन की शुरुआत होने जा रही है. जिसका नाम है ‘किसान रेल’ (kisan rail). इस ट्रेन के बारे में गुरुवार को रेलवे ने एक बयान जारी कर बताया कि, भारत की पहली रेलगाड़ी होगी जो फल और सब्जियों के मालवहन के लिए चलेगी. तो चलिए जानते हैं इस ट्रेन की खासियत के साथ इसके रूट के बारे में.
किस रूट पर चलेगी किसान रेल
रेलवे के मुताबिक, किसान रेल दिन में 11 बजे महाराष्ट्र के देवलाली से चलकर बिहार के दानापुर अगले दिन करीब 32 घंटे बाद शाम पौने सात बजे पहुंचेगी और साप्ताहिक आधार पर चलेगी. इस ट्रेन का जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारण (finance minister nirmala sitharaman) ने फरवरी में बजट पेश करते हुए किया था. वित्त मंत्री ने कहा था कि, जितने फल, सब्जियां जल्दी खराब हो जाते हैं उनके लिए किसान रेल की शुरुआत होगी. इसमें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के अंतर्गत शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की भी पूरी व्यवस्था होगी.
किसानों की फसल के लिए बड़ा फैसला
वित्त मंत्री ने ये फैसला खासतौर से किसानों के लिए लिया है. जिससे किसानों की फसल खराब होने से बच जाए. क्योंकि, कई बार ऐसा देखा जाता है कि किसानों की फल, सब्जियों समेत अन्य उत्पाद बाजार पहुंचने से पहले ही सड़ जाते हैं. ऐसे में किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. इसी वजह से वित्त मंत्री ने ये फैसला लिया. किसान रेल ताजी सब्जियों, फलों, फूल, प्याज समेत अन्य कृषि उत्पादनों को गंतव्य तक पहुंचाएगी. देवलाली से चलने वाली ट्रेन रेल नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज छेओकी, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी. क्योंकि, यही से सारे कृषि उत्पाद बिहार, उत्तरप्रदेश, कटनी, सतना समेत अन्य क्षेत्रों को जाते हैं. किसान रेल चलने से कृषि उत्पादों का रखरखाव होगा साथ ही राज्यों को इसका भरपूर फायदा मिलेगा.
ममता बनर्जी ने किया था प्रस्ताव पास
बता दें, किसानों को सुविधा देने के लिए 2009-10 के बजट में रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रस्ताव को पास किया था. पर इसकी शुरुआत नहीं हो पाई थी. मगर अब मोदी सरकार ने इसे पूरा कर दिया है.