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देश के इन मंदिरों में मिलता है चुनावी जीत का आशीर्वाद, बड़े-बड़े नेता लगा चुके हैं हाजिरी

सनातन परंपरा में मंदिर को ईश्वर का घर कहा जाता है, जहां पर जाने पर जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. देश में देवी-देवताओं से जुड़े कई ऐसे चमत्कारी मंदिर हैं, जहां पर जाने पर शत्रुओं पर विजय पाने का आशीर्वाद विशेष रूप से प्राप्त होता है.
यही कारण है कि चुनावी मौसम आते ही इन पावन धामों में राजनेताओं की भीड़ जुटने लगती है. आइए आज देश के कुछ ऐसे ही सिद्ध मंदिरों के बारे में जानते हैं, जहां पर जीत की कामना लिए बड़े-बड़े राजनेता अक्सर हाजिरी लगाने के लिए पहुंचते हैं.
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मध्य प्रदेश के झांसी जिले के दतिया नामक स्थान पर स्थित मां पीतांबरा का पावन धाम, जहां पर जाने वाला वाला मंत्री हो या संतरी, माता उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं. मान्यता है कि माता के इस मंदिर में साधना-आराधना करने पर चुनावी जीत से लेकर कोर्ट-कचहरी और शत्रुओं पर विजय पाने का विशेष आशीर्वाद मिलता है. यही कारण है कि चुनाव आते ही माता के इस पावन पीठ पर बड़े-बड़े राजनेता हाजिरी लगाने पहुंचने लगते हैं. मां पीतांबरा को बगुलामुखी का स्वरूप माना जाता है. जिन्हें लोग राजसत्ता की देवी के नाम से बुलाते हैं.

मध्य प्रदेश के झांसी जिले के दतिया नामक स्थान पर स्थित मां पीतांबरा का पावन धाम, जहां पर जाने वाला वाला मंत्री हो या संतरी, माता उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं. मान्यता है कि माता के इस मंदिर में साधना-आराधना करने पर चुनावी जीत से लेकर कोर्ट-कचहरी और शत्रुओं पर विजय पाने का विशेष आशीर्वाद मिलता है. यही कारण है कि चुनाव आते ही माता के इस पावन पीठ पर बड़े-बड़े राजनेता हाजिरी लगाने पहुंचने लगते हैं. मां पीतांबरा को बगुलामुखी का स्वरूप माना जाता है. जिन्हें लोग राजसत्ता की देवी के नाम से बुलाते हैं.
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51 शक्तिपीठों में सबसे प्रसिद्ध मां कामख्या के पावन धाम के बारे में मान्यता है कि जो साधना कहीं सफल नहीं होती है, वह माता के इस दरबार में जरूर सफल होती है. यही कारण है कि तंत्र-मंत्र की साधना के लिए जाने वाले इस पावन दरबार में चुनाव आते ही नेताओं की भीड़ जुटने लगती है. कामख्या शक्तिपीठ को वाम मार्ग की साधना के लिए सर्वोच्च पीठ माना जाता है. मान्यता है कि मां कामख्या के इस पावन धाम से कोई खाली हाथ नहीं जाता है. चमत्कारों से भरे इस मंदिर में देश के कई बड़े नेता जीत की कामना लिए विशेष पूजा करवा चुके हैं.

51 शक्तिपीठों में सबसे प्रसिद्ध मां कामख्या के पावन धाम के बारे में मान्यता है कि जो साधना कहीं सफल नहीं होती है, वह माता के इस दरबार में जरूर सफल होती है. यही कारण है कि तंत्र-मंत्र की साधना के लिए जाने वाले इस पावन दरबार में चुनाव आते ही नेताओं की भीड़ जुटने लगती है. कामख्या शक्तिपीठ को वाम मार्ग की साधना के लिए सर्वोच्च पीठ माना जाता है. मान्यता है कि मां कामख्या के इस पावन धाम से कोई खाली हाथ नहीं जाता है. चमत्कारों से भरे इस मंदिर में देश के कई बड़े नेता जीत की कामना लिए विशेष पूजा करवा चुके हैं.
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मां कामख्या की तरह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित मां​ विंध्यवासिनी के मंदिर में भी बड़ी संख्या में राजनेता अपनी मनोकामना लिए पूजा-अर्चना के लिए अक्सर पहुंचते रहते हैं. चुनावी वैतरणी पार लगाने के लिए यह शक्तिपीठ विशेष रूप से जाना जाता है. विंध्याचल का यह पावन धाम दस महाविद्या का प्रधान केंद्र है. त्रिकोण यंत्र पर स्थिति मां विंध्यवासिनी एक ऐसा जागृत शक्तिपीठ है, जहां पर तंत्र-मंत्र से जुड़ी साधना शीघ्र ही सफल होती है. यही कारण है कि चुनाव में जीत का सपना पाले बड़े-बड़े राजनेता यहां पर अक्सर पूजा-अनुष्ठान कराने के लिए पहुंचते रहते हैं.

मां कामख्या की तरह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित मां​ विंध्यवासिनी के मंदिर में भी बड़ी संख्या में राजनेता अपनी मनोकामना लिए पूजा-अर्चना के लिए अक्सर पहुंचते रहते हैं. चुनावी वैतरणी पार लगाने के लिए यह शक्तिपीठ विशेष रूप से जाना जाता है. विंध्याचल का यह पावन धाम दस महाविद्या का प्रधान केंद्र है. त्रिकोण यंत्र पर स्थिति मां विंध्यवासिनी एक ऐसा जागृत शक्तिपीठ है, जहां पर तंत्र-मंत्र से जुड़ी साधना शीघ्र ही सफल होती है. यही कारण है कि चुनाव में जीत का सपना पाले बड़े-बड़े राजनेता यहां पर अक्सर पूजा-अनुष्ठान कराने के लिए पहुंचते रहते हैं.
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सात प्राचीन पुरियों में से एक उज्जैन नगरी में स्थित महाकाल मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है. तीर्थ नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में देश के कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने सत्ता पर काबिज होने की कामना लिए पूजा करवाई है. महाकाल की नगरी को तंत्र-मंत्र की साधना के लिए बहुत ही शुभ माना गया है. यही कारण है कि चुनाव आते ही यहां पर बड़े-बड़े राजनेता जीत के लिए अनुष्ठान करवाने पहुंचने लगते हैं. वहीं कुछ नेता अपने अनुष्ठान गुप्त रूप से करवाते हैं.

सात प्राचीन पुरियों में से एक उज्जैन नगरी में स्थित महाकाल मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है. तीर्थ नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में देश के कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने सत्ता पर काबिज होने की कामना लिए पूजा करवाई है. महाकाल की नगरी को तंत्र-मंत्र की साधना के लिए बहुत ही शुभ माना गया है. यही कारण है कि चुनाव आते ही यहां पर बड़े-बड़े राजनेता जीत के लिए अनुष्ठान करवाने पहुंचने लगते हैं. वहीं कुछ नेता अपने अनुष्ठान गुप्त रूप से करवाते हैं.