भारत में आज से कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है. वहीं कोरोना की वैक्सीन बना रही एक और कंपनी डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज को स्पूतनिक V के फेज-3 ट्रायल की इजाजत मिल गई है. स्पूतनिक V रूस की कंपनी द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन है. ये वैक्सीन अभी प्रायोगिक अवस्था में है. डीसीजीआई ने डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज को कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल करने की अनुमति दी है. हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज का कहना है कि तीसरे चरण में 1500 लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण पहले किया जाएगा.
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दुनिया में 200 से ज्यादा कंपनियां कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही हैं, इनमें से लगभग 30 कंपनियां भारत की हैं. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है. शनिवार को इन दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल पहले चरण के टीकाकरण में किया जा रहा है. इसके अलावा गुजरात की जायकोविड वैक्सीन भी ट्रायल स्टेज में है. इस श्रृंखला में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज भी शामिल हो गई है.
डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को तीसरे चरण के ट्रायल की स्वीकृति देने से पहले डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड (डीएसएमबी) ने इसके दूसरे चरण के परीक्षण से जुड़े आंकड़ों का अध्ययन किया और इससे संतुष्ट होने के बाद ही तीसरे चरण के लिए स्वयंसेवकों को भर्ती करने की सिफारिश की. डीएसएमबी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि दूसरे चरण के आंकड़ों के अध्ययन से सुरक्षा संबंधी किसी तरह की चिंता सामने नहीं आई है. डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के सह-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जी वी प्रसाद ने कहा कि यह टीके के क्लिनिकल ट्रायल की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. उन्होंने कहा कि डॉ रेड्डीज लैब इस महीने के अंदर ही फेज-3 का अध्ययन शुरू कर देगी. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम भारत की जनता के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन लाएंगे. बता दें कि पिछले साल सितंबर में डॉ रेड्डी ने रूस की कंपनी RDIF के साथ साझेदारी की थी और भारत में स्पूतनिक V के क्लिनिकल ट्रायल और वितरण के अधिकार हासिल किए थे.