शहर के इंदौर रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) में डिस्पोजल ग्लास बनाने वाली एक फैक्टरी (factory making disposable glasses) में शुक्रवार सुबह आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। फैक्टरी में चार श्रमिक थे, जो भीषण आग होने के कारण बाहर नहीं निकल पाए। बाद में श्रमिकों को दीवार तोड़कर बाहर निकाला गया लेकिन उनमें से दो की दम घुटने से मौत (death of two workers) हो गई जबकि दो अन्य को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका जारी है। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
हादसा शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे आराध्या डिस्पोजल फैक्टरी में हुआ। सूचना मिलने पर दमकल वाहन, जेसीबी मशीन मौके पर पहुंची। अफरा-तफरी के बीच जेसीबी से दीवार तोड़कर चारों श्रमिकों को बाहर निकाला गया। पहले दो श्रमिकों को बाहर निकाला, उसके बाद अंदर फंसे दो श्रमिकों को काफी मशक्कत कर बाहर निकाला। गंभीर अवस्था के चलते दोनों को जिला चिकित्सालय भेजा, जहां दोनों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना में घायल व मृत श्रमिक उज्जैन जिले के पानखेड़ी के निवासी बताए गए हैं। दोनों मृतकों का पोस्टमार्टम कर शव स्वजन को सौंप दिए गए हैं। मामले को लेकर औद्योगिक थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।
आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते पूरी फैक्टरी चपेट में आ गई। आग लगने के दौरान चार श्रमिक महेश वर्मा, बहादुर चौधरी, गोवर्धन उर्फ सोनू चौधरी, पप्पू परमार फैक्टरी के अंदर ही थे। सभी श्रमिक पानखेड़ी उज्जैन के निवासी हैं। श्रमिक महेश वर्मा और बहादुर को सकुशल बाहर निकाला गया। वहीं, अंदर दो श्रमिक फंसे थे, जिनमें 23 वर्षीय सोनू पुत्र रमेश चौधरी और 30 वर्षीय पप्पू पुत्र गंगाराम परमार को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका। दोनों की दम घुटने से मौत होने की बात सामने आई है।
मजदूर नाइट ड्यूटी से लौटकर सो रहे थे। इसी दौरान आग लगी। इसमें सोनू चौधरी और पप्पू परमार की मौत हो गई। जबकि आग की चपेट में आए इनके दो साथी महेश वर्मा और बहादुर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों को इंदौर रेफर कर दिया है। हादसे में झुलसे युवक ने बताया कि हम चारों पानखेड़ी गांव के निवासी हैं। गुरुवार रात हमारी नाइट ड्यूटी थी। इसके बाद सुबह लौटे तो सो गए। करीब 11 बजे अचानक आग की तपन से जागे। हम चारों तरफ धुएं से घिरे थे। हमारे दो साथियों में कोई हलचल नहीं दिखाई दी जबकि एक साथी बेहोशी की स्थिति में था। कुछ देर बाद मैं भी बेहोश गया।
आग इतनी विकराल थी कि अंदर फंसे श्रमिकों का बाहर निकलना असंभव हो गया था। इसी दौरान नगर निगम से करीब पांच दमकल वाहन, बीएनपी का दकमल वाहन, पानी के टैंकर लगातार आग बुझाने का प्रयास करते रहे। श्रमिकों को निकालने का रास्ता नहीं दिखने पर जेसीबी की मदद से दीवार तोड़कर श्रमिकों को बाहर निकाला जा सका। इस दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों के साथ एसडीईआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची।
पानखेड़ी गांव के दो युवकों की मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंचे दिलीपसिंह पवार ने बताया दोनों मृतक अविवाहित थे। परिवार को पालने की जिम्मेदारी इनके ही कंधों पर थी। चारों लड़के करीब 8 साल से कंपनी में काम कर रहे थे। उन्होंने कंपनी के मालिक से परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की।
मामले में देवास एसडीएम प्रदीप सोनी का कहना है कि सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस एवं प्रशासन की टीम पहुंच गई थी। दमकल की मदद से जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया था। हादसे में दो श्रमिकों की मौत हुई है।