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देवबंद : मौलाना महमूद मदनी दारूल उलूम की मजलिस-ए-शूरा के सदस्य बने, संस्था में छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी भी पढ़ाई जाएगी

रिपोर्ट :- गौरव सिंघल, विशेष संवाददाता, दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल,उप्र:।।

देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज)। इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद की प्रबंध समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। दिवंगत मौलाना असद मदनी के बेटे मौलाना महमूद मदनी पूर्व सांसद को मजलिस-ए-शूरा का सदस्य नियुक्त किया गया। यह जानकारी संस्था के प्रमुख मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने आज दी। उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि संस्था में छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी विषय भी अनिवार्य रूप से पढ़ना होगा। इस संस्था में कुरान, हदीस, अरबी भाषा की डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा से शिक्षा दी जाती रही है।

संस्था हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों की जल्द नियुक्ति करेगी। दारूल उलूम देवबंद की बैठक में सालाना बजट पर भी विचार किया जा रहा है। बजट में संस्था के कर्मचारियों के वेतन में पांच फीसदी की वृद्धि की जा रही है। बैठक में मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी, मौलाना अनवारूल रहमान, मौलाना अरशद मदनी, सांसद बदरूद्दीन अजमल, मुफ्ती इस्माइल आदि शूरा के सदस्य मौजूद रहे।  उधर संस्था के प्रधानाचार्य और जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उलमाओं को मदरसों के सर्वे पर कोई आपत्ति नहीं है। आशंका यह है कि सर्वे के नाम पर मदरसा संचालकों और उलमाओं का उत्पीड़न हो सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सहारनपुर के शेखुल हिंद मेडिकल कालेज का नाम बदलने की जिले के भाजपा के नेताओं की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मौलाना महमूद उल हसन प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। सरकार उनका नाम नहीं बदलेगी।