दीपावली के त्योहार का आगाज आज से हो चुका है. आज धनतेरस है, दो दिन बाद 4 नवंबर गुरुवार को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन घर में गणेश और लक्ष्मी माता का पूजन किया जाता है. माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है. कहा जाता है कि जिस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है वहां सुख और समृद्धि बनी रहती है. लक्ष्मी जी को चलायमान माना जाता है, वो चंचल प्रकृति की होती हैं, इसलिए कभी एक जगह पर बहुत लंबे समय तक नहीं टिकतीं.
यदि उन्हें अपने घर में स्थायी रूप से रोकना है तो उनके साथ गणपति का पूजन जरूर करना चाहिए क्योंकि गणपति को शुभता का प्रतीक माना जाता है. जब घर में शुभता होगी तो ही माता लक्ष्मी वास करेंगी. इसीलिए दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को भगवान गणेश के साथ लाया जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ.अरविंद मिश्र का कहना है कि भगवान गणेश और लक्ष्मी माता की ये मूर्ति सालभर तक घर में रखी जाती है. इनका हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है. इसलिए इन मूर्तियों को बहुत ध्यान से खरीदना चाहिए. यहां जानिए मूर्ति खरीदते समय किन बातों को ध्यान रखना जरूरी है.
ऐसी होनी चाहिए गणपति की मूर्ति
1. गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि उस मूर्ति में उनके वाहन मूषक की उपस्थिति जरूर हो, साथ ही वे हाथों में लड्डू या मोदक लिए हों. ऐसी मूर्ति को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
2. बाजार में आपको कई बार आपस में जुड़े हुए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां दिखायी देंगी. कोशिश करें कि गणपति और लक्ष्मी माता की मूर्तियां आपस में जुड़ी हुई न हों. अलग अलग मूर्तियों की पूजा करना भी आसान होता है.
3. भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय ध्यान दें कि उनकी सूंड में एक से ज्यादा घुमाव न हो. साथ ही सूंड बायीं ओर घूमी हुई हो.
ऐसी होनी चाहिए माता लक्ष्मी की मूर्ति
1. घर में हमेशा बैठी हुई माता लक्ष्मी को लाना चाहिए. खड़ी लक्ष्मी चलायमान मानी जाती हैं. स्थिर लक्ष्मी के लिए बैठी लक्ष्मी ही घर लाएं ताकि वो आपके घर में हमेशा निवास करें.
2. उल्लू पर बैठी हुई लक्ष्मी को अशुभ माना जाता है. इसलिए लक्ष्मी माता की वो तस्वीर लाएं जिसमें वे कमल या हाथी पर विराजमान हों.
3. चूंकि माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है, इसलिए उनकी तस्वीर में धन की वर्षा होना जरूरी है. माना जाता है कि ऐसी मूर्ति लाने से परिवार में भी धन की कमी दूर होने लगती है.
ये भी ध्यान रखें
अगर आप मिट्टी की मूर्ति ला रहे हैं, तो नई मूर्ति को घर में लाने के बाद पुरानी मूर्ति को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए या मिट्टी में दबा देना चाहिए. उसे घर में नहीं रखना चाहिए. लेकिन अगर आप पीतल, सोने, चांदी आदि किसी धातु की मूर्ति ला रहे हैं, तो इन्हें हटाने की जरूरत नहीं होती. इन्हें हमेशा पूजा जा सकता है.