दिल्ली में कृषि कानूनों(Agricultural laws) के खिलाफ हो रहे आंदोलन(protest) के बारे में बीजेपी(BJP) के सांसद रमेश बिधूड़ी(Ramesh Bidhuri) ने अपने विचार प्रकट करते हुए मंगलवार को कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर जो किसान धरना प्रदर्शन कर रहे है वो किसान नहीं हैं और उन्हें 3 मुख्यमंत्रियों की तरफ से सिखाया पढ़ाया जा रहा और फंडिंग भी की जा रही है। इसके अलावा बिधूड़ी के बाद नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला(Farooq Abdullah) ने बोला कि तीन कृषि कानूनों का कोई धार्मिक लेख नहीं है, जिन्हें बदला ना जा सके, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने सवाल करते हुए कहा है कि अगर किसान इन कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं, तो आप उनसे बात करके इसे मानते क्यों नहीं हैं।
क्या कहा बिधूड़ी ने
लोकसभा में रमेश बिधूड़ी ने सबका अभिवादन करने के बाद अपनी बात सबके समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि वो लोग सीपीआई और सीपीएम के नेता हैं, उन्होने किसान आंदोलन के बारे में बात करते वक्त ये नहीं बताया कि वो प्रदर्शनों की फंडिंग कर रहे तीन मुख्यमंत्री कौन है, हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले पर कांग्रेस शकुनी जैसा काम कर रही है और सभी किसानों को कृषि कानूनों के विरुद्ध भड़का रही है, बिधूड़ी के इस बयान के बाद बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने भी उनका साथ दिया है, रीता ने कहा कि किसानों को खुले बाजार से फायदा होगा।
राम सबके हैः अब्दुल्ला
इसी मामले में नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है, जिसमें बदलाव ना किये जा सके, उन्होंने केन्द्र सरकार से धार्मिक आधार पर भेदभाव ना करने की अपील की और कहा कि आपको क्या लगता है कि राम पर सिर्फ आपका हक हैं वो पूरी दुनिया के हैं, वो हम सबके हैं, ये इसी तरह है, जैसे मुस्लिमों ने कुरान को अपने सीने से लगा रखा है, कुरान भी सभी के लिये हैं।
अखिलेश के शब्द
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मौके का फायदा उठाया और कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज ऊंची की। अखिलेश ने कहा, कि यूपी में एमएसपी पर फसलों की खरीद नहीं हो रही, अखिलेश ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि हम उन्हें क्या कहें, जो आजकल चंदा इकट्ठा करते घूम रहे हैं, क्या आप चंदाजीवी नहीं हैं।