अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी शासन (Taliban Government) के तहत महिलाओं के अधिकारों और आजादी (women’s rights and freedom) पर हमले लगातार जारी हैं। इसी कड़ी में अफगानिस्तान में लड़कियों (girls) के अब प्राइवेट और पब्लिक यूनिवर्सिटीज में पढ़ने पर रोक (Ban on studying in private and public universities) लगा दी गई है। तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि यह आदेश देश भर में तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। तालिबान सरकार की ओर से हुई एक बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई।
हाई एजुकेशन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी (Ziaullah Hashmi) की ओर से शेयर किए गए पत्र में इस नए फरमान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें निजी और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को प्रतिबंध जल्द से जल्द लागू करने और पाबंदियां लगाने के बाद मंत्रालय को सूचित करने को कहा गया है। हाशमी ने अपने पत्र को ट्वीट भी किया और एसोसिएटेड प्रेस को एक मैसेज में इस कंटेंट की पुष्टि भी की है।
महिला अधिकारों पर उधार रहने का किया वादा
तालिबान सरकार की ओर से शुरू में महिलाओं और अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर अधिक उदार रहने का वादा किया गया था। हालांकि, ऐसा होता तो नहीं दिख रहा है। तालिबानियों ने व्यापक रूप से इस्लामी कानून या फिर शरिया की अपनी कठोर व्याख्या को लागू किया है। देश में महिलाओं को रोजगार के ज्यादातर सेक्टर्स से दूर कर दिया गया है। उन्हें सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक के कपड़े पहनने का आदेश है। साथ ही महिलाओं के पार्क और जिम में जाने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
तालिबान ने दिखाया अपना असली चेहरा
अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से ही तालिबान कई ऐसे आदेशों को लेकर सुर्खियों में रहा जो उसके पुराने रंग को दिखाता है। नौकरी करने वाले पुरुषों के लिए सिर पर टोपी, दाढ़ी और टखने से ऊपर पेंट पहनना अनिवार्य किया जा चुका है। तालिबान के सुप्रीम लीडर ने आदेश दिया कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक तौर पर बुर्का पहनना जरूरी होगा। इससे पहले स्कूलों में पुरुषों और महिला विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग कक्षाएं पहले ही शामिल हैं। तालिबान की सोच है कि स्कूल में महिला और पुरुष छात्र एक-दूसरे को न देख सके, क्योंकि इससे पढ़ाई में व्यवधान होता है।