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ताऊ नाबालिग भतीजी को बनाना चाहता था दुल्हन, फिल्मी अंदाज में पहुंची पुलिस, और फिर हुआ ये…

झारखंड के रामगढ़ जिले से रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक वाकया सामने आया है. यहां एक शख्स ने अपनी बेटी समान नाबालिग भतीजी का जीवन नर्क बनाने की कोशिश की. पुलिस के साथ जिला बाल कल्याण समिति के फ्लाइंग स्क्वॉड ने समय से मौके पर पहुंचकर लड़की को बचाया. दरअसल, चौथी क्लास में पढ़ने वाली 12 साल की इस नाबालिग लड़की की एक हफ्ते में दूसरी बार शादी कराने की कोशिश की जा रही थी. रामगढ़ जिले के एक गांव की लड़की बीते हफ्ते गांव में अपने ‘ताऊ’ के घर गई थी, जिसे वो बड़े पापा कहती थी. आरोप है कि इस शख्स की बच्ची पर बुरी नीयत थी. उसने बच्ची के माथे पर सिंदूर भी लगा दिया जो हिन्दू धर्म में विवाह का प्रतीक माना जाता है.


बच्ची के माता-पिता को इस घटना का पता लगा तो वो उसे अपने साथ ले आए. उन्होंने बदनामी से बचने के लिए लड़का ढूंढ कर आनन-फानन में बच्ची की शादी करने की कोशिश की. गिरिडीह के रहने वाले 17 साल के लड़के से शादी तय की गई. मंगलवार रात विवाह समारोह चल रहा था. दोनों नाबालिग लड़का-लड़की विवाह बंधन में बंधने वाले ही थे कि फिल्मी अंदाज में वहां पुलिस और जिला बाल कल्याण समिति के लोग वहां पहुंच गए और विवाह को रुकवा दिया.

लड़की को ये भी नहीं पता था कि उसकी किसके साथ शादी होने जा रही है और लड़का कहां का रहने वाला है. लड़की ने कहा, “मम्मी-पापा की मर्जी से शादी हो रही थी, लड़का कहां का है पता नहीं. मैं चौथी क्लास में पढ़ती हूं. मम्मी-पापा बोले जहां उनकी मर्जी है वहीं उसकी शादी होगी.” लड़का भी नाबालिग होने के कारण शादी के लिए तैयार नहीं थी. लेकिन उसके भाई और भाभी ने उस पर जोर डाला. साथ ही कहा कि अगर वो शादी करेगा तो लड़की की वजह से उसका भाग्य चमक जाएगा.

जब लड़की के माता-पिता से पूछा गया कि वो क्यों अपनी नाबालिग लड़की की शादी कराने जैसा गैर कानूनी काम रहे थे तो उनका जवाब हैरान कर देने वाला था. उन्होंने कहा कि समाज में इज्जत बचाने के लिए उन्होंने ऐसा करने का फैसला किया. रामगढ़ जिला बाल कल्याण समिति के सचिव आकाश शर्मा के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली थी कि एक नाबालिग लड़की की शादी कराई जा रही है. जिसे तत्काल मौके पर टीम भेज कर रुकवाया गया. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मुन्ना पांडे ने बताया कि लड़की को शेल्टर होम भेजा गया है और उसे बाल कल्याण ट्रिब्यूनल के सामने पेश किया जाएगा. बाल कल्याण समिति इस मामले में जांच करने के साथ बच्ची के माता-पिता की काउंसलिंग कर रही है. उसकी जांच पूरी होने के बाद ही पुलिस के पास कार्रवाई के लिए ये मामला भेजा जाएगा.