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ताइवान ट्रेन हादसे में अब तक 51 लोगो की मौत, मैनेजर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग

ताइवान में शुक्रवार को एक ट्रेन हादसे में 51 लोगों की मौत हो गई जबकि 146 लोगों के घायल होने की बात भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि जहां पर यह हादसा हुआ वह एक निर्माण स्थल था। इसके बाद ताइवानी अभियोजकों ने निर्माण स्थल के मैनेजर के लिए गिरफ्तारी वारंट की मांग की है। उनका मानना है कि इतना बड़ा ट्रेन हादसा उसी के ट्रक की वजह से हुआ, जो ट्रेन के सामने अचानक आ गया था। सात दशकों में यह ताइवान की सबसे भयंकर रेल दुर्घटना मानी जा रही है। बता दें, शुक्रवार को लगभग 500 लोगों से भरी एक एक्सप्रेस ट्रेन सुरंग के अंदर अचानक आए एक ट्रक से टकरा गई थी। इस भीषण टक्कर से ट्रेन पटरी से उतरकर पलट गई थी। दुर्घटना हुलिएन काउंटी में के दकिंगसुई टनल में हुई। दुर्घटना के तत्काल बाद राहत कार्य शुरू कर दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि निर्माण स्थल के मैनेजर के ट्रक का ब्रेक फेल हो गया होगा।

यह ट्रेन ताइवान की राजधानी ताइपे से पूर्वी तट पर ताइतुंग शहर को जा रही थी। ताइवान में पर चार दिन का अवकाश था। इस ट्रेन में सवार अधिकांश यात्री ताइवान के लोकप्रिय किंगमिंग फेस्टिवल का जश्न मनाने जा रहे थे। इस त्योहार पर परिवार के लोग अपने बुजुर्गो को याद करते हैं। हुलिएन अभियोजकों के कार्यालय के प्रमुख यू हसीउ-दुआन ने धटना को लेक शुक्रवार देर रात संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एक गिरफ्तारी वारंट की मांग की गई है और अब अदालत प्रणाली द्वारा इस मामले को नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रासंगिक सबूतों को संरक्षित करने के लिए हमारे पास घटनास्थल पर अभियोजकों के कई समूह हैं।

बता दें, शनिवार की सुबह श्रमिकों ने ट्रेन के पिछले हिस्से को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया, जो कि हादसे में अपेक्षाकृत कम क्षतिग्रस्त हुआ। वहीं, ट्रेन के अधिक भारी क्षतिग्रस्त हिस्से अभी भी सुरंग के अंदर ही हैं। राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि वह शनिवार को ह्यूलियन में जीवित बचे लोगों से मिलेंगी। सरकार ने भी शोकसभा में तीन दिनों के लिए आधे कर्मचारियों पर झंडे फहराए जाने की घोषणा की है। ताइवान में इससे पहले साल 2018 में भी एक भयानक हादसा हुआ था, जिसमें एक ट्रेन पटरी से उतर गई थी। इस घटना में 18 लोगों की मौत हुई थी और 175 लोग घायल हुए थे। परिवहन मंत्रालय के अनुसार, 1981 में इसी तरह का एक और ट्रेन हादसा हुआ था, जिसमें 30 लोगों की मौत हुई थी और 112 घायल हो गए थे।