Breaking News

ताइवान के पास चीनी सेना का अभियान काफी हद तक ‘रिहर्सल’ जैसा, अमेरिकी रक्षा मंत्री ने चीन के खतरे पर किया आगाह

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) ने शनिवार को ताइवान पर बढ़ते चीनी खतरे पर चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान का अमेरिका मजबूती से समर्थन करता रहेगा. ऑस्टिन ने कहा कि ताइवान के पास हाल ही में हुआ चीनी सेना (Chinese Army) का अभियान काफी हद तक एक ‘रिहर्सल’ जैसा था. राष्ट्रपति जो बाइडेन के पेंटागन प्रमुख ने कहा कि अमेरिका ‘ताइवान की अपनी रक्षा करने की क्षमता’ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

ऑस्टिन ने अपने भाषण में चीन से मिल रही चुनौतियों पर बात करते हुए बताया कि अमेरिका का उसके साथ किन वजहों से विवाद हो रहा है. ऑस्टिन कैलिफोर्निया के सिमी वैली में रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी में एक राष्ट्रीय रक्षा फोरम में बोल रहे थे (Lloyd Austin on China). हाल के महीनों में, चीनी सेना ने ताइवान के पास समुद्री और हवाई सैन्य अभियानों में तेजी दिखाई है. उसके ये सभी अभियान बेहद आक्रामक थे. इस बीच चीन के लड़ाकू विमानों ने कई बार ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की. इसपर ऑस्टिन ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि वे अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं. ये किसी रिहर्सल जैसा है.’

बाइडेन को टेस्ट कर रहा चीन

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि चीन जो बाइडेन के काम करने के तरीकों को जानने की कोशिश कर रहा है. कि वह चीन के प्रति कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. चीन ताइवान पर अपना दावा करता है (China Taiwan War). उसका कहना है कि वह इसे अपनी मुख्यभूमि में शामिल कर लेगा. जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है. जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है. ऑस्टिन ने कहा, चीन एकमात्र ऐसी शक्ति है, जो अब अपनी ‘आर्थिक, राजनयिक, सैन्य और तकनीकी शक्ति का इस्तेमाल कर एक स्थिर और खुली अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में निरंतर चुनौती का सामना करने में सक्षम है.’

शीत युद्ध नहीं चाहता अमेरिका

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने बताया कि कैसे चीनी नेता मुखर होकर चीन को वैश्विक शक्ति (World Power China) बनाने और अमेरिका की जगह लेने के लिए बोलते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम ना तो टकराव चाहते हैं और ना ही संघर्ष… हम एक नए शीत युद्ध या कठोर गुटों में विभाजित दुनिया की तलाश नहीं कर रहे.’ ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका चीनी चुनौती का सामना करने के लिए मित्र देशों के साथ अपने संबंधों को गहरा करेगा. उन्होंने कहा कि ‘हम अपनी वन चाइना पॉलिसी पर दृढ़ हैं’ लेकिन ताइवान की खुद की रक्षा करने की क्षमता का समर्थन भी करते रहेंगे.