उन्नाव। असोहा में संदिग्ध परिस्थितियों में मिली तीन लड़कियों में दो की मौत हो चुकी थी जिसका अंतिम संस्कार शुक्रवार दोपहर को कर दिया गया। पुलिस, प्रशासन के सख्त पहरे में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान कमिश्नर और आई जी के अलावा भारी पुलिस बल की तैनात रही। प्रदेश सरकार ने परिजानों को 25 लाख की आर्थिक सहायता और प्रधानमंत्री आवास के तहत सरकारी पक्का मकान देने की घोशणा की है। सरकार ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देने का ऐलान किया है। तीसरी लड़की रोशनी की हालत को लेकर संशय बरकरार है। रोशनी के स्वास्थ्य को लेकर रीजेंसी अस्पताल प्रशासन कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है। 20 घंटे से ज्यादा देर होने के बाद भी मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है।
मामले को देखते हुए अस्पताल में मीडिया के प्रवेश पर रोक है। कानपुर के रीजेंसी हास्पिीटल में पीड़िता रोशनी अभी भी वेंटिलेटर पर ही है। ज्ञात हो कि बुधवार को असोहा के खेत में तीन दलित नाबालिग लड़कियां संदिग्ध परिस्थितियों में बेहोशी की हालत में मिली थीं। तीन लड़कियों में दो की मौत हो गई है जबकि एक का इलाज कानपुर के रीजेंसी अस्पताल किया जा रहा है।
घटनास्थल पर काफी सारा झाग पड़ा था। तीनों किशोरियां कोमल (16), काजल (13) और रोशनी (17) दोपहर में मवेशियों के लिए चारा लेने खेत में गई थीं। देर शाम तक जब तीनों घर नहीं पहुंची तो परिवार के लोगों ने उनकी खोजबीन शुरू कर दी। सूरजपाल के खेत में पहुंचे तो तीनों अचेत पड़ी थीं। एक ही दुपट्टे से तीनों के हाथ बंधे थे। कोमल और काजल की मौत हो चुकी थी। रोशनी की सांसें चल रही थीं। दो दलित लड़कियों के मौत के मामले में सियासी तपिश तेज हो चुकी है।