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डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ने के कयासों पर हरदीप सिंह पुरी बोले- देश में तेल की कमी नहीं होने देंगे

पांच राज्यों के चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने (Increase in Diesel-Petrol Prices) के कयासों पर (On Speculations) केंद्रीय मंत्री (Central Minister) हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने मंगलवार को कहा कि देश में तेल की कमी (Shortage of Oil in the Country) नहीं होने देंगे .

चुनाव के बाद डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ने के कयासों पर हरदीप सिंह पुरी एक प्रेसवार्ता में इस बात को लेकर विपक्षी पार्टियों की टिप्पणी का जवाब देते हुए याद दिलाया कि कांग्रेस के समय में कैसे पेट्रोलियम की कीमतों को डीरेग्यूलेट कर दिया गया था। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि तेल कंपनियां इस बारे में जल्द निर्णय लेने वाली हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चंद रोज पहले इस बात को लेकर सरकार को निशा साधते हुए कहा, फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए। मोदी सरकार का चुनावी ऑफर खत्म होने जा रहा है।हरदीप पूरी ने कहा कि देश में एक बार फिर चुनाव होने वाले हैं। एक महीने कई राज्यों में निकाय चुनाव फिर अक्टूबर में चुनाव होंगे।

गौरतलब है कि एक मार्च से कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में 105 रुपये का इजाफा हो गया था। कमर्शियल सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी होने से होटल और रेस्टोरेंट चलाने वाले व्यवसायियों की जेब पर ज्यादा असर पड़ने लगा है। 19 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर 1 मार्च यानी से अब दिल्ली में 1907 रुपये के बजाय 2012 रुपये में मिल रहा है।

दूसरी ओर अब यह भी आशंका जताई जा रही है कि पांच राज्यों के चुनाव खत्म होते ही घरेलू एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल के दाम में तेज बढ़ोतरी की जा सकती है। देश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एलपीजी सिलेंडर की कीमत हर महीने संशोधित की जाती है। हालांकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में छह अक्टूबर 2021 के बाद न ही कोई कमी की गई न ही कोई बढ़ोतरी लेकिन इस दौरान कच्चे तेल की कीमत में 102 रुपये डॉलर प्रति बैरल इजाफा हुआ।

हालिया जारी रिपोर्ट की मानें तो पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के बाद दिवाली के बाद से स्थिर पेट्रोल और डीजल के दाम में तेज से बढ़ोतरी की जा सकती है। इनमें 15 से 22 रुपये तक वृद्धि की संभावना व्यक्त की जा रही है। इससे आम जनता की मुसीबतें बढ़ जाएंगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव पिछले एक दशक के उच्च स्तर पर 117 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और आगे बढ़ता है तो क्रूड ऑयल के दाम 185 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं।