झारखंड (Jharkhand) से कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू (Rajya Sabha MP Dheeraj Prasad Sahu) के घर पर मिली बेहिसाब नकदी का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.अब भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने धीरज साहू की गिरफ्तारी की मांग की है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आयकर विभाग द्वारा ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ की जा रही तलाशी के माध्यम से अब तक लगभग 225 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की गई है.
आयकर विभाग की टीम ने बंटी साहू के घर से मनी बैग के लगभग 19 पैकेट जब्त किए, जिन्हें उस क्षेत्र के शराब कारखानों के रखरखाव के प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था. सुदपारा के पास एक घर में छापेमारी कर पैसे जब्त किये गये. सूत्रों के मुताबिक छापेमारी की रकम 20 करोड़ के पार हो सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी छापे वाली जगह से बैंक में पैसा पहुंचाया जा रहा है.
कई परिसरों में हुई छापेमारी
आयकर विभाग द्वारा तीन दर्जन गिनती मशीनें नोटों की गिनती कर रही हैं. सूत्रों ने बताया कि चूंकि मशीनें सीमित क्षमता की हैं, इसलिए गिनती धीमी गति से चल रही है. साहू से उनका पक्ष जानने के लिए लिए संपर्क नहीं किया जा सका.अधिकारियों ने कहा कि अलमारियों में छिपाई गई 200 करोड़ रुपये की नकदी ओडिशा के बोलांगीर जिले में डिस्टिलरी समूह के परिसर से बरामद की गई, जबकि शेष राशि ओडिशा के संबलपुर और सुंदरगढ़, झारखंड के बोकारो और रांची तथा कोलकाता जैसे अन्य जगहों से बरामद की गई.
सोरेन और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कैश का संबंध- बीजेपी
मरांडी ने मांग करते हुए कहा कि साहू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इस बात पर जोर देते हुए कि इतनी बड़ी नकदी बरामदगी हुई है, उन्होंने मामले की गहन जांच की मांग की और आरोप लगाया कि नकदी का मामला शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व के साथ-साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि ये पैसा गरीबों की गाढ़ी कमाई का, शराब घोटाले का है जिसके संकलनकर्ता भी झारखंड के हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा जनता के पैसे की हो रही लूट कतई बर्दाश्त नही करेगी और सदन से लेकर सड़क तक इस मुद्दे को उठाएगी.
पीएम मोदी ने किया एक्स पर पोस्ट
एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी पार्टी पर हमला करते हुए कथित तौर पर साहू से जुड़े एक व्यापारिक समूह के विभिन्न स्थानों से आईटी विभाग द्वारा 200 करोड़ रुपये नकद बरामद करने के बारे में एक समाचार रिपोर्ट को शेयर किया था. उन्होंने एक पोस्ट में कहा, “देशवासियों को नोटों के इन ढेरों को देखना चाहिए और फिर इसके (कांग्रेस) नेताओं के ईमानदारी के भाषणों को सुनना चाहिए. लोगों से लूटा गया एक-एक पैसा वापस करना होगा. यह मोदी की गारंटी है.”
दरअसल धीरज प्रसाद साहू राजनीति में भी बड़ा नाम है. धीरज साहू तीसरी राज्यसभा सांसद बने हैं. इसके अलावा वे चतरा लोकसभा सीट से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली थी. पहली बार धीरज साहू साल 2009 में हुए उपचुनाव में राज्यसभा सांसद बने थे. उसके बाद फिर 2010 में दूसरी बार और 2018 में तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे.
धीरज साहू की घोषित संपत्ति
अगर घोषित संपत्ति की बात करें तो साल 2018 में राज्यसभा चुनाव के दौरान धीरज प्रसाद साहू ने जो शपथ पत्र चुनाव आयोग को दिया था, उसमें अपनी संपत्ति 34 करोड़ रुपये बताई थी. उन्होंने खुद पर 2.36 करोड़ रुपये का कर्ज भी घोषित किया था. जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के इनकम टैक्स रिटर्न में उन्होंने अपनी आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी.
शराब कारोबार से जुड़ा है परिवार
कांग्रेसी सांसद धीरज प्रसाद साहू का परिवार शराब कारोबार से जुड़ा है. बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप से झारखंड के लोहरदगा जिले की है. इस कंपनी ने 40 साल पहले ओडिशा में देशी शराब बनानी शुरू की थी. कंपनी की बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) की साझेदारी फर्म है. इसी कंपनी की बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड भी है.