उत्तराखंड के जोशीमठ में असुरक्षित घरों को ढहाने का काम जारी है और लोगों को लगातार सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है। DGP अशोक कुमार ने बताया जोशीमठ में बहुत से कार्य हो रहे हैं। जो भी मकान खतरे में है उसे गिराया जा रहा है। पहले ऐसे मकानों की संख्या 603 थी, जो अब 678 हो गई है। अब तक 87 घरों के लोगों को शिफ्ट किया गया है और स्थानांतरण का कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि SDRF, NDRF की टीमें भी पहुंच गई है। जरूरत पड़ी तो कुछ इलाकों को सील भी किया जाएगा।
वहीं, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जोशीमठ के सुनील वार्ड में जमीन धंसने की आपदा से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। भू-धंसान का जायजा लेने पहुंचे रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया कि पीएम मोदी खुद पल-पल की खबर ले रहे हैं। लोगों की जान-माल की रक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि मकानों को लेकर दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं।
कई केंद्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ मौके पर मौजूद हैं और जोशीमठ में संकट का आकलन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि जोशीमठ संकट से प्रभावित हुए लोगों के लिए पीपलकोटी और गौचर में जमीन देखी जा रही है, ताकि लोगों को वहां पर शिफ्ट किया जा सके। सीएम धामी ने बताया कि पुनर्वास को लेकर कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसपर आने वाले खर्च को लेकर केंद्र ने पूरी मदद का भरोसा दिलाया है।
उत्तराखंड में भूधंसान का खतरा और इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग, टिहरी झील का एरिया और उत्तरकाशी में भी दरारें की घटनाएं सामने आई हैं। कर्णप्रयाग के स्थानीय लोगों ने बताया कि वहां दो साल पहले से दरारें आ रही थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में यह घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। टिहरी झील से लगते इलाकों में स्थित कुछ घरों में भी दरारें आई हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी में भी खेतों में दरारें आई हैं। इससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।