झारखंड में जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर (Jain pilgrimage center Sammed Shikhar) के लिए पिछले 5 दिनों से अनशन कर रहे जैन मुनि समर्थ सागरजी (Muni Samarth Sagarji) ने देर रात अपने प्राण त्याग दिए। चार दिन में तीर्थ स्थल को बचाने के लिए अनशन पर बैठे दूसरे जैन मुनि ने देह त्यागी।
जैन मुनि समर्थ सागरजी सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाए जाने के फैसले के खिलाफ पिछले 5 दिनों से अन्न-जल त्यागकर अनशन पर बैठे थे। देर रात 1 बजे मुनि समर्थ सागर का निधन हो गया। आज सुबह जैसे ही संत के देह छोडऩे की जानकारी मिली बड़ी संख्या में जैन समुदाय के लोग मंदिर पहुंचने लगे। संत की डोल यात्रा संघीजी मंदिर से विद्याधर नगर तक निकाली गई। इसके पहले इसी मंदिर में जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने 3 जनवरी को प्राण त्यागे थे।