अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने दूसरी बार स्टेट ऑफ द यूनियन (State of the union) को संबोधित करते हुए कहा कि अगर चीन खतरा पैदा करेगा तो अमेरिका (US) अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।
दरअसल, चीन द्वारा भेजे गए जासूसी गुब्बारे विवाद में बाइडन ने कहा कि मैं चीन के साथ अमेरिका और दुनिया के हितों के लिए काम करने को तैयार हूं, लेकिन अगर वो हमें नुकसान पहुंचाएंगे तो हम अपनी रक्षा जरूर करेंगे।
चीन के जासूसी गुब्बारे ने अमेरिका ही नहीं भारत और जापान समेत कई देशों की जासूसी की है। जानकारी के मुताबिक चीन ने कई देशों को निशाना बनाकर जासूसी गुब्बारों के एक बेड़े को संचालित किया है।एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट कई अनाम रक्षा एवं खुफिया अधिकारियों से ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के साक्षात्कार पर आधारित है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी सेना द्वारा अमेरिका के संवेदनशील प्रतिष्ठानों के ऊपर मंडरा रहे एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया गया था।
जानकारी के अनुसार अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार को अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलिना के तट से एक लड़ाकू जेट द्वारा मार गिराए गए चीनी निगरानी गुब्बारे की खोज के बारे में भारत सहित अपने दोस्तों और सहयोगियों को जानकारी दी है। अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने सोमवार को यहां करीब 40 दूतावासों के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गुब्बारे से निगरानी के प्रयास के तहत जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपीन समेत कई देशों और चीन के लिए उभरते रणनीतिक हित वाले क्षेत्रों में सैन्य संपत्तियों संबंधी जानकारी एकत्र की गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि चीन उन तमाम देशों की जासूसी कर रहा है, जो तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और जिनका चीन से विवाद चल रहा है। इस गुब्बारे के जरिए चीन इन देशों की सैन्य संपत्ति की जानकारी जुटा रहा था।
अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट एचआई सटन के हवाले से भी दावा किया गया है कि दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच चीन के जासूसी गुब्बारे ने भारत के सैन्य बेस की जासूसी की थी। इस दौरान ड्रैगन के जासूसी गुब्बारे ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के ऊपर से उड़ान भरी थी।