भारतीय रेलवे फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के अंत तक वंदे भारत के दो और वर्जन पेश करने लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है. रेलवे चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) वंदे भारत स्लीपर वर्ज के साथ-साथ वंदे मेट्रो कोच के उत्पादन के लिए प्रयास कर रही है. आईसीएफ का दौरा करने के बाद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वंदे भारत मेट्रो और स्लीपर कोच बनाने की प्रक्रिया अच्छे से चल रही है.
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे आईसीएफ के अलावा सेमी हाई स्पीड ट्रेनों को उत्पादन अपने दो कारखानों रायबरेली के मॉर्डन कोच फैक्ट्री और लातूर के मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में भी करेगा. राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने 15 अगस्त, 2023 तक इन नए युग की ट्रेन की 75 सेवाएं को शुरू करने का टारगेट रखा है. वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्जन 550 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए संचालित होगा. यह सुपरफास्ट ट्रेनों जैसे राजधानी, दुरंतो जैसी ट्रेनों की जगह लेगी.
उम्मीद है की स्लीपर यान वर्जन वाली ट्रेन फरवरी 2024 तक तैयार हो जाएगा. वंदे मेट्रो वाली 100 किलोमीटर से कम दूरी पर चलेगी. आने वाले समय में रेलवे को प्लान लोकल ट्रेनों को इससे रिप्लेस करने का है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है. अब वंदे भारत के कुल तीन वर्जन होंगे. पहला वर्जन चेयरयान, दूसरा स्लीपर कोच होगा और तीसरा वंदे मेट्रो वर्जन होगा. ये तीनों वर्जन यात्री अनुभव को बढ़ावा देंगे और बेहतर बनाएंगे.
देश के ज्यादातर हिस्सों में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा रही है. देश भर में कुल 25 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. ये हैं नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-कटरा, मुंबई-गांधीनगर, नई दिल्ली-अम्ब अंदौरा, चेन्नई-मैसूर, बिलासपुर-नागपुर, हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी, विशाखापत्तनम-सिकंदराबाद, मुंबई-सोलापुर, मुंबई-शिरडी, दिल्ली-रानी कमलापति, सिकंदराबाद-तिरुपति, चेन्नई-कोयंबटूर, दिल्ली कैंट-अजमेर, टीवीसी-कन्नूर, हावड़ा-पुरी, गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी, आनंद विहार-देहरादून, रानी कमलापति-जबलपुर, खजुराहो-भोपाल-इंदौर, मडगांव-मुंबई, धारवाड़- बेंगलुरु, रांची-पटना, गोरखपुर-लखनऊ और जोधपुर-साबरमती हैं.