कांग्रेस से इस्तीफा के बाद पहली बार गुलाम नबी आजाद आज जम्मू में बड़ी रैली को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि मेरी नई पार्टी बनाने से उनमें बोखलाहट है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पूरी की गई विकास योजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो भ्रष्टाचार को बंद किया था. उन्होंने कहा कि पिछले 26 साल में अगर किसी राज्य के लिए सबसे ज्यादा योजनाओं को मंजूरी दिलवाई है तो वह है जम्मू-कश्मीर है.
जम्मू के सैनिक कॉलोनी में गुलाम नबी आजाद ने रैली को संबोधित करते हिए कहा कि वो लोग जो हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं उनकी पहुंच सिर्फ ट्विटर, कंप्यूटर और SMS पर है इसलिए कांग्रेस जमीन से गायब हो गई है. उन्होंने कहा कि आज मैं देखता हूं कि कांग्रेस के लोगों को जब सुबह बस से जेल में ले जाया जाता है और वे उसी समय DG एवं पुलिस कमिश्नर को फोन करते हैं और कहते हैं कि हमारा नाम लिख लीजिए और हमें 1 घंटे में छोड़ दीजिए इसलिए आज कांग्रेस आगे नहीं बढ़ पा रहा है.
गुलाम नबी ने कहा, “आज तो कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिए जाने के चंद घंटे बाद छोड़ दिया जाता था. लेकिन 1975 के आसपास जब मैं इंदिरा गांधी के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहा था तो उस वक्त ऐसा नहीं था. मैं करीब एक साल जेल में बंद रहा. गिरफ्तारी के वक्त दिल्ली में ठंड पड़ रही थी. हमें ओढ़ने और बिछाने के लिए एक कंबल दिया गया था. सीमेंट के फर्श पर सोना पड़ता था. वह कंबल भी फटा हुआ था.”
गुलाम नबी ने कहा, “मुझे जेल में रखने वाले लोग चाहते थे कि मैं जमानत ले लूं, लेकिन मैं इसके लिए तैयार नहीं था. इंदिरा गांधी को तो करीब एक सप्ताह या दस दिन बाद छोड़ दिया गया था, लेकिन मैं अगले साल रिहा हुआ.” गुलाम नबी ने कहा, “हमने अपने खून-पसीने से कांग्रेस को बनाया है. यह कम्प्यूटर, ट्वीट और एसएमएस से नहीं बनी है.”
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो एशिया का पहला ट्यूलिप गार्डेन बनवाया था. आज कई जगहों पर ट्यूलिप गार्डेन बन गए हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं कैबिनेट मंत्री था या जम्मू-कश्मीर का मुख्य मंत्री था तब राज्य के विकास के लिए जितना कुछ हो सका, सब कुछ किया. उन्होंने कहा, “मैंने सभी प्रधानमंत्रियों से राज्य के विकास के लिए बात की है और कई परियोजनाओं को मंजूर करवाया”. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब मैं यहां था तो जो बन सका सब किया और दिल्ली गए तो वहां से लड़ाई लड़कर काम करवाया.
गुलाम नबी आजाद ने कहा जम्हूरियत में हर किसी को पार्टी बनाने का हक है. उन्होंने अपने साथ जुड़ने वाले अन्य पार्टियों के नेता का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि अभी हमारी पार्टी का नाम तय नहीं हुआ है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को जो पसंद होगा वही नाम होगा और वही झंडा होगा. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उर्दू वाले नाम सुझाए हैं तो कुछ लोगों ने संस्कृत वाले नाम सुझाए हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हिन्दुस्तान की 75 प्रतिशत आबादी हिन्दुस्तानी जबान बोलती है. इसलिए नाम भी आम आदमी वाला हिन्दुस्तानी होगा.