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जम्मू कश्मीर के लोगों को बेरोजगारी से मिलेगी निजात, सरकार ने बनाया मास्टर प्लान

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में पिछले काफी समय से बेरोजगारी समेत कई समस्याएं हैं, लेकिन अब जम्मू कश्मीर के लोगों को फिक्र करने की जरूरत नहीं है। जल्द ही उन्हें बेरोजगारी की समस्या से निजात मिल सकेगा। इसकी जानकारी J & K के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने दी है। मनोज सिन्हा ने कहा कि राज्य के युवाओं में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस उन्हें दिशा देने तथा तराशने की जरूरत है। 2025 तक राज्य में 80 फीसदी बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी। इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है। अगले छह महीने में 25 हजार सरकारी नौकरियां दी जाएंगी।

रिक्त पदों पर होगी नियुक्ति
मनोज सिन्हा ने अपने हालिया इंटरव्यू में कहा, जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी की समस्या का दंश लोग झेल रहे हैं। हालांकि, सरकार इस मोर्चे पर काम कर रही है। सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां समयबद्ध तथा पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। 13 हजार से अधिक पद लोक सेवा आयोग तथा एसएसबी को भेजे गए हैं जिसके लिए जल्द विज्ञापन जारी होंगे। डाक्टरों के रिक्त पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दी गई है।

राज्य में लगेंगे नए उद्योग
मनोज सिन्हा का कहना है कि सिर्फ सरकारी नौकरी से ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं मिल सकता है। इसके लिए राज्य में नए उद्योगों की स्थापना करनी होगी, जिस पर काम की योजना बनाई जा रही है। मनोज सिन्हा का दावा है कि अगले ढाई साल में 30 हजार करोड़ रुपये का विभिन्न क्षेत्रों में निवेश होगा। वहीं, टाटा कंपनी ने जम्मू व बारामुला में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने पर सहमति जताई है। हिंदुजा से लेकर विप्रो ने स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने को कहा है। इन सेंटर्स में युवा प्रशिक्षित होंगे।