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जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस को एक और झटका, गुलाम नबी के समर्थन में 5 पूर्व विधायकों ने दिया इस्‍तीफा

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के कांग्रेस (Congress) से इस्तीफे के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से बड़ी खबर है. जम्मू-कश्मीर में 5 पूर्व विधायकों ने भी कांग्रेस से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है. ये सभी 2014 यानी अंतिम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बने थे. जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इन 5 पूर्व विधायकों और मंत्रियों के साथ-साथ पूर्व मंत्री आर एस चिब, पूर्व मंत्री जुगल किशोर शर्मा और महासचिव अश्विनी हांडा ने भी इस्तीफा दे दिया है.

गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ दी. उन्होंने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आजाद जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी बनाएंगे. आजाद कई दिनों से हाईकमान के फैसलों से नाराज थे. इसी महीने 16 अगस्त को कांग्रेस ने आजाद को जम्मू-कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने अध्यक्ष बनाए जाने के 2 घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था. आजाद ने कहा था कि ये मेरा डिमोशन है.

कांग्रेस की कमान संभालना चाह रहे थे आजाद
73 साल के गुलाम नबी आजाद अपनी सियासत के आखिरी पड़ाव पर फिर प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालना चाह रहे थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी बजाय 47 साल के विकार रसूल वानी को ये जिम्मेदारी दे दी. वानी गुलाम नबी आजाद के बेहद करीबी हैं. वे बानिहाल से विधायक रह चुके हैं. बताया जा रहा है कि आजाद को यह फैसला पसंद नहीं आया. इसलिए उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ने का फैसला लिया.

 

जी-23 ग्रुप का हिस्सा थे गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद पार्टी से अलग उस जी 23 समूह का भी हिस्सा थे, जो पार्टी में कई बड़े बदलावों की पैरवी करता है. उन तमाम गतिविधियों के बीच इस इस्तीफे ने गुलाम नबी आजाद और उनके कांग्रेस के साथ रिश्तों पर सवाल खड़ा कर दिया है.