भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत 30 दिसंबर को भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. दिल्ली-देहरादून हाईवे पर सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनकी मर्सडीज डिवाइडर से टकराने के बाद पूरी तरह जल गई थी. दरअसल, ऋषभ अकेले ही कार चला रहे थे, अगर कोई उनके साथ होता तो इस हादसे को टाला जा सकता था.
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषभ नया साल मां के साथ मनाना चाहते थे. उन्होंने रुड़की तक अकेले ही जाने का मन बना लिया था. पंत ने जब यह बात दोस्तों को बताई तो उनमें से एक खास दोस्त ने उनसे कहा भी था कि अकेले गाड़ी मत चलाना. लेकिन, वह नहीं माने और कार लेकर अकेले ही निकल गए. फिलहाल वह खतरे से पूरी तरह बाहर हैं.
लंबा चल सकता है पंत का इलाज
इधर, बीसीसीआई आगे की कार्रवाई के लिए पंत को दिल्ली या मुंबई शिफ्ट कर सकती है. पंत के कोच देवेंद्र शर्मा ने बताया कि पंत के परिवार को उनकी स्थिति के बारे में लगातार बताया जा रहा है. उनकी हालत स्थिर है, लेकिन इलाज अभी लंबा चलेगा. उनके घुटनों का इलाज होना है. बीसीसीआई ने देहरादून के मैक्स अस्पताल को कहा है कि उनके घुटनों का इलाज तुरंत न करें. पंत को इलाज के लिए दिल्ली या मुंबई शिफ्ट किया जाएगा.
इलाज के लिए दिल्ली लाए जा सकते हैं ऋषभ
इस बीच पंत के दिमाग और स्पाइन की रिपोर्ट पूरी तरह नॉर्मल आई है. बता दें, पंत का शुरुआती इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें पूरी तरह ठीक होने में 3-6 महीने का वक्त लग सकता है. उनके घुटनों के इलाज को लेकर डॉक्टरों ने चिंता भी जताई है. पंत ने घरेलू क्रिकेट की शुरुआत दिल्ली से की थी. इसलिए डीडीसीए ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पतं को दिल्ली एयरलिफ्ट किया जाएगा.