छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Election 2023) के चुनाव में अभी वक्त है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा अपनी जीत के लिए अभी से मैदान में सक्रिय हो गई हैं. अगले कुछ हफ्तों में भाजपा के केंद्रीय नेता छत्तीसगढ़ में दौरा करेंगे. इनमें गिरिराज किशोर, अमित शाह और जेपी नड्डा के भी कार्यक्रम हैं. केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह चार दिन के बस्तर दौरे पर पहुंचे.
जनसभा के बाद भाजपा जिला कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों से आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बात की. इसके अलावा प्रबुद्धजनों, अधिवक्ताओं से भी मुलाकात की. दंतेवाड़ा, कांकेर और कोंडागांव में भी विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए. हालांकि गिरिराज सिंह का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल पूरे होने पर एक महीने के विशेष संपर्क अभियान का हिस्सा है, लेकिन पार्टी को भरोसा है कि राज्य के विधानसभा चुनावों में भी केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी का फायदा मिलेगा.
भाजपा की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने पहले ही राज्य में बड़ी जीत का टारगेट फिक्स कर दिया है. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 68 और भाजपा को 15 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस का लक्ष्य 75 सीटें जीतने का है. यह बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद मैदान में उतर चुके हैं. वे हर अंचल में पहुंचकर भेंट-मुलाकात कर रहे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार की योजनाओं का घर-घर प्रचार किया जा रहा है. पार्टी संभाग और जिला स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर रही है. कांग्रेस के इस बड़े लक्ष्य को तय करने के पीछे भाजपा की कमजोरियों को भी कारण माना जा रहा है.
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता और संगठन के तालमेल से एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा में निराशा का दौर है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार देखने को मिला है कि यहां नेता प्रतिपक्ष बदल दिए गए. साढ़े चार साल में तीन प्रदेश अध्यक्ष हो चुके हैं. भाजपा का हर नेता बड़ा बनने की कोशिश कर रहा है, कोई एक दूसरे का सपोर्ट नहीं कर रहा. कार्यकर्ता हताश हैं.