चीन की सरकार लम्बे समय से चीन में रह रहे उइगर मुसलमानो पर अत्याचार कर रही है | इससे जुडी कोई ना कोई खबर अक्सर सामने आती रहती है | ऐसे में अब चीन में रहने वाले ईसाईयो पर भी खतरा मंडराने लगा है | चीन में कई जगहों पर लगे ईसाई चिन्हो, क्रॉस और मूर्तियों को तोडा जा रहा है |
चीन की सरकार ने आदेश दिया है कि प्रभु यीशु की तस्वीर को हटाया जाए और राष्ट्रपति शी जिनपिंग और माओत्से तुंग की तस्वीर लगायी जाये | बता दे जो भी इसका विरोध कर रहा है, उनके साथ मारपीट की जा रही है |
जानकारी के अनुसार चीन की सरकार ने अपने देश में रहने वाले ईसाई नागरिको को आदेश दिया है कि वे अपने घर में लगी यीशु की तस्वीरें और चर्च में से क्रॉस और मुर्तिया आदि हटवा दे | इनके स्थान पर शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग की तस्वीर लगायी जाये |
रिपोर्ट के अनुसार चीन की सरकार ने बीते 5 महीनो में देश के 5 राज्यों जियांग्सू, हेबई, अन्शुई, झेजियांग और अन्हुई में मौजूद कई चर्चो में धार्मिक चिन्हो को तोड़कर हटवा दिया है |
जानकारी के अनुसार जो लोग इसका विरोध कर रहे है, उनके साथ मारपीट की जा रही है | बताया जा रहा है कि हुआइनेन शहर के शिवान चर्च में जब 100 कर्मचारियों की टीम धार्मिक चिन्हो को हटाने पहुंची थी | तब कुछ लोगो ने इसका विरोध किया, इस दौरान मौके पर मौजूद अधिकारीयों ने उनसे मारपीट की |
चीन के ईसाई समुदाय के संगठन ‘चाइना एड’ ने चर्चो पर हुयी कार्यवाही की तस्वीर शेयर की है | हालाँकि इसे लेकर चीन सरकार का कहना है कि इमारतों से धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए | वे समानता लाने के लिए ये चिन्ह हटा रहे है | बता दे इससे पहले सरकार ने धार्मिक किताबो पर भी रोक लगा दी थी | सरकार का आदेश है कि कम्युनिस्ट पार्टी से रखने वाले लोग किसी धर्म का पालन नहीं करेंगे |
रिपोर्ट के अनुसार चीन में 40 करोड़ बौद्ध-ताओ, 1.5 करोड़ मुस्लिम और 6.7 करोड़ ईसाई है | चीन में मौजूद धार्मिक स्थलों में पूजा केवल बाहर से की जा सकती है | इतना ही नहीं यहाँ आने वाले लोगो से सरकार टैक्स भी वसूलती है |