LAC में भारतीय जवानों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद अब भारत ने अपने तेवर सख्त कर लिए हैं. चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वायुसेना तैयारियों में जुट गई है. अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों को श्रीनगर, लेह, चंडीगढ़ के एयरबेस में एक्टिवेट कर दिया गया है. अगर LAC पर इनकी जरूरत पड़ेगी तो फौरन उड़ान भरने के आदेश दिए जा सकते हैं.
वायुसेना ने कसी कमर
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सुखोई 30 एमकेआई और मिराज 2000 जैसे अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल हो सकता है. कुल मिलाकर भारतीय वायुसेना तैयार है और जैसे ही आदेश मिलेगा इन विमानों के जरिए उड़ान भरी जाएगी.
पहली बार चीन के खिलाफ लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल
दरअसल, 5 मई की रात लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र के पास विवादित फिंगर एरिया में पीएलए के सैनिकों ने भारत के जवानों के साथ झड़प की थी. इस घटना के बाद इसी एरिया में पीएलए के हेलिकॉप्टरों को काफी करीब देखा गया था. जब भारत को इसकी सूचना मिली थी तो वायुसेना के सुखोई ने भी एलएसी के करीब एयर पेट्रोलिंग की थी. हैरानी वाली बात ये है कि, 5 मई को पहली बार चीन के खिलाफ वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था. साल 1962 में जब युद्ध हुआ था तब भी चीन के खिलाफ वायुसेना का इस्तेमाल नहीं हुआ था. पर अब LAC इस तरह की घटना होने से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.
बॉर्डर के 4 किमी दायरे में नहीं भर सकते उड़ान
दोनों देशों के बीच तनाव भले ही है लेकिन, प्रोटोकॉल के मुताबिक कोई भी देश बॉर्डर के 4 किलोमीटर के दायरे में अपने विमानों को नहीं ला सकता. अगर किसी देश को इसकी जरूरत होती है तो उसे पहले दूसरे देश को जानकारी देनी होती है इसके बाद ही वह 4 किमी के दायरे में आ सकता है. अन्यथा लड़ाकू विमानों का दायरा 10 किलोमीटर का होता है.
लड़ाकू विमानों की खासियत
चीन के खिलाफ भारतीय वायुसेना ने जिन विमानों को तैयार किया है वह बहुत ताकतवर है. सुखोई 30 एमकेआई भारतीय वायुसेना का अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान है और इसे ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी कहा जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि, इसे पनडुब्बी, पानी के जहाज, लड़ाकू विमान से या जमीन से भी दुश्मन पर दागा जा सकता है और किसी भी मौसम में ये हमला करने की क्षमता रखता है.
मिराज-2000 की खासियत
कारगिल युद्ध में मिग-21 के साथ मिराज-2000 विमान ने अहम भूमिका निभाई थी. सेना ने साल 2015 में ही अपग्रेड किया था. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि, इसमें दो इंजन है अगर एक इंजन किसी भी वजह से खराब हो जाता है तो दूसरा काम करता है. इसके अलावा पायलट और विमान दोनों सेफ जोन में रहते हैं. मिराज दुश्मन पर ज्यादा से ज्यादा बम गिराने की क्षमता रखता है और हवा में भी दुश्मन को मात देने का हौंसला इसमें होता है.