उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है. चमोली जिले जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई. पानी तेज गति से आगे बढ़ रहा है. आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका है, लिहाजा आसपास के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है. आईटीबीपी, NDRF और SDRG की कई टीमें मौके पर पहुंचीं हैं. श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है. उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली है.
उत्तराखंड त्रासदी को लेकर एडीआरएफ के कंट्रोल रूम से जानकारी दी गई है कि अब तक संयुक्त ऑपरेशन में 10 लोगों के शव मलबे से बाहर निकाले जा चुके हैं.
नेशनल क्राइसिस मैनेटमेंट कमेटी (NCMC) की बैठक शुरू. कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बैठक हो रही है. उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति को लेकर मीटिंग हो रही है. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक चल रही है.
#WATCH| Uttarakhand: ITBP personnel approach the tunnel near Tapovan dam in Chamoli to rescue 16-17 people who are trapped.
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/DZ09zaubhz
— ANI (@ANI) February 7, 2021
तपोवन टनल में फंसे लोगों में से 16 लोगों को बाहर निकाला गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है कि सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है. ये ग्लेशियर रैणी गांव के पास टूटा है. इस हादसे के बाद आईटीबीपी, NDRF और SDRG की टीमें मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. ग्लेशियर फटने से जहां कई लोगों की मौत हुई है तो वहीं एनटीपीसी और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है. एनटीपीसी का ये एक ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसके लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें काम कर रही थीं.
Rescue operation underway at the tunnel near Tapovan dam in Chamoli to rescue trapped people. #Uttarakhand
(Pic courtesy: Indian Army) pic.twitter.com/lcKlHdcNn3
— ANI (@ANI) February 7, 2021
वहीं, जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जिसके चलते अब पानी आगे बढ़ रहा है. आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका जताई गई है, लिहाजा आसपास के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. हालांकि, इस बीच एक राहत की खबर है. राज्य के डीजीपी ने बताया कि नदी का बहाव अब सामान्य है. निचले इलाकों में खतरा नहीं है.
उधर, हादसे के बाद डैम का पानी रोका गया है, ऐसे में अगर नदी का जलस्तर और बढ़ता है और पानी छोड़ना पड़ा तो मुसीबत बढ़ सकती है. फिलहाल अभी ऋषिकेष में नदीं किनारे बने कैंपों को खाली कराया जा रहा है. इससे पहले कहा जा रहा था कि हालत बिगड़ने पर टिहरी बांध के गेट खोलने पड़ सकते हैं, ऐसे में निचले इलाकों में पानी आने की आशंका जताई गई थी. लेकिन नदी का बहाव अब सामान्य है. ऐसे में मैदानी इलाकों में कोई खतरा नहीं है. हालांकि, सरकार ने हालातों से निपटने के लिए पुख्ता तैयारियां की हैं. हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. वायुसेना भी रेस्क्यू के लिए तैयार है. बता दें कि उत्तराखंड को नदियों के राज्य के तौर पर जाना जाता है. डैम बनाकर बिजली उत्पादन के लिए ये क्षेत्र काफी अहम मन जाता है. ऐसे में चमोली में ग्लेशियर फटने से डैम को नुकसान होना बड़ी हानि है. क्योंकि उत्तराखंड से ही यूपी समेत कई राज्यों के लिए बिजली जाती है. लेकिन अब डैम को नुकसान होने से बिजली उत्पादन पर असर पड़ सकता है. उधर, चमोली हादसे के बाद श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट है. उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना स्थल पर पहुंच स्थिति की जानकारी ली है. यूपी की सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है.