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चमोली में ग्लेशियर टूटने से वैज्ञानिक भी हैरान, ग्लोबल वार्मिंग को माना जिम्मेदार

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने की घटना से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। जिले में बाढ़ आने से ऋषि गंगा और तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। कई लोगों के मलबे में दबने की सूचना है। वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड में इस तरह की घटना होना हैरतअंगेज मान रहे हैं।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ज्योलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार ने बताया कि , पहली बार कोई ग्लेशियर ठंड में टूटा है। यह हैरतअंगेज है। हालांकि अभी ग्लेशियर फटने की सही वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन हो सकता है कि जमीन के नीचे कटाव कारण ऐसा हुआ हो।

 

ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है। इसके बाद ऋषि गंगा और तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट ध्वस्त होने से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। चमोली से लेकर ऋषिकेश और हरिद्वार में अलर्ट जारी किया गया है।चमोली और हरिद्वार में नदी किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। टीएचडीसी ने नदी में पानी का बहाव कम करने के लिए टिहरी बांध से पानी छोडना भी बंद कर दिया है।

 

जानकारी के अनुसार, आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंचीं हैं। एनडीआरएफ की तीन टीमों को देहरादून से रवाना किया गया है और तीन अतिरिक्त टीमें शाम तक वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से वहां पहुंचेंगी। एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन पहले से ही मौके पर मौजूद है।