भारत (India) चीन (China) सीमा विवाद के दौरान 15 जून को गलवान वैली (Galwan Valley) में मारे गए चीनी सैनिकों पर बड़ी खबर सामने आई है. 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान मारे गए एक चीनी सैनिक की पहचान करने वाली एक कब्र का पत्थर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो (Weibo) पर शेयर हुआ है. यह भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प के दौरान मारे गए चीनी सैनिकों का पहला संभावित सबूत प्रतीत होता है. बता दें कि इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.
वीबो के बाद जल्द ही ये फोटो कई ट्विटर हैंडल पर भी आ गए. दो वीबो अकाउंट्स (पहचान को रोक दिया गया) ने एक सैन्य मंच पर एक चीनी सैनिक चेन जियानग्रोंग की कब्र के बारे में जानकारी देते हुए तस्वीर पोस्ट की है. कब्र पर मंदारिन भाषा में लिखा गया है, ‘फुजियान के पिंगनान से 69316 ट्रूप का सैनिक.”चेन जियांग्रो का मकबरा. उसने जून 2020 में भारतीय सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में अपना बलिदान दे दिया और मरणोपरांत केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) द्वारा याद किया गया.’
हालांकि इस कथित मकबरे के अस्तित्व पर अभी तक चीनी सरकार या सेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
बता दें कि लद्दाख में भारत-चीन के बीच गतिरोध मई की शुरुआत में शुरू हो गई थी और तनाव को खत्म करने के लिए कई दौर की बातचीत के बावजूद दोनों पक्षों में भारी गतिरोध बना हुआ है.
चीन ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में हताहतों की संख्या के बारे में कुछ भी नहीं बताया है, जिसमें 16 बिहार इंफेंट्री रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.
भारतीय सेना के सैनिकों की ओर से हैंड टू हैंड सामना किया गया था और इस झड़प से हुए नुकसान के बारे में सेना द्वारा जानकारी भी दी गई थी, लेकिन बीजिंग की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान अब तक नहीं आया है.
हालांकि फोटो से यह भी पता चलता है कि दक्षिणी शिनजियांग सैन्य क्षेत्र में 5 अगस्त, 2020 को यह कब्र बनाई गई है. मारे गए जवान के बारे में कहा गया है कि वह 19 साल का था, और वह दिसंबर 2001 में पैदा हुआ था.
पीएलए सैन्य संरचना के अनुसार, दक्षिणी शिनजियांग सैन्य क्षेत्र की 69316 यूनिट, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की सीमा रक्षा की 13वीं रेजिमेंट का हिस्सा है.
कुछ वीबो (Weibo) उपयोगकर्ताओं ने यह भी टिप्पणी की है कि चेन जियांग्रो की मौत भले ही गलवान घाटी में न हुई हो, लेकिन पैंगोंग झील क्षेत्र में एक बड़ा फ्लैशप्वाइंट रहा है जहां झड़प हुई थी.
मई में पैंगोंग झील क्षेत्र में भारतीय सेना द्वारा गंभीर रूप से घायल पीएलए सैनिक को पकड़ने की खबरें भी वायरल हुई थीं. एक वीडियो में भारतीय सैनिकों के एक समूह को डोंगफेंग वारियर के रूप में चिह्नित एक बख्तरबंद वाहन को तोड़ते हुए दिखाया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल पीएलए का एक जवान वाहन के पास दिख रहा था. सिपाही का सिर बुरी तरह जख्मी और खून बहता दिख रहा था.
हालांकि बाद में पोस्ट के वायरल होने के बाद इसे हटा लिया गया था क्योंकि पोस्ट करने वाले से बार-बार इसके सोर्स के बारे में पूछा जा रहा था. सिंगापुर के चीनी अखबारों ने भी एक रिपोर्ट निकाली, जिसमें कब्र की तस्वीर पर कई अटकलें लगाई गईं.
जबकि कुछ वीबो उपयोगकर्ता इसे सही नहीं मान रहे हैं और तस्वीर के साथ छेड़खानी की बात कह रहे हैं. यह देखा जाना चाहिए कि क्या पीएलए गलवान घाटी में हिंसक झड़प के दौरान उसकी तरफ हए नुकसान के बारे में कभी स्वीकार करेगा. जबकि इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे.
चीनी सोशल मीडिया में वायरल
गलवान में मारे गए सैनिकों के बारे में चीन के कुछ नहीं कहने से चीनी जनता में दिखी नाराजगी
यहां यह याद रखना महत्वपूर्ण होगा कि कई चीनी नागरिकों ने चीनी सेना और सरकार से पारदर्शिता की कमी पर सवाल और चिंता जाहिर की थी. इंडिया टुडे ने चीनी सोशल मीडिया साइटों पर चीनी नागरिकों के मूड को पकड़ने वाली एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी.