पिछले कुछ हफ्तों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) के कई जिलों में गंगा (Ganga) नदी में लोगों के शव मिल रहे हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश की भी कुछ नदियों से ऐसी घटना की खबरें मिली हैं. दावा किया जा रहा है कि ये शव ऐसे लोगों के हैं जिनकी मौत कोरोना से हुई है. लिहाजा कोलकाता के मछली व्यापारी अब सतर्क हो गए हैं. वे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से मछली खरीदने से कतरा रहे हैं. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कोलकात में हर रोज उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से साढे तीन से चार टन मछली मंगाए जाते हैं. इसके अलावा गुजरात और आंध्र प्रदेश से भी यहां मछली खरीदे जाते हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में बंगाल के बाजारों में मछली की कमी हो सकती है.
कोरोना को लेकर आ रही ऐसी खबरों के बाद लोग डर गए हैं. कई लोग मछली खरीदने से कतरा रहे हैं. यहां के एक खरीददार मुखर्जी ने बताया कि वो मछली के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते हैं. लेकिन कोरोना को लेकर नदी में लाश तैरने की जो खबरें आ रही है उससे वो डर गए हैं. मछली रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक रंजन कुमार मनन का कहना है कि लोग ऐसी चीजों को जल्दी नहीं भूलते हैं. लिहाजा मछली के बिजनेस पर काफी असर पड़ेगा. बता दें कि लाशों को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. कहा जा रहा है कि ये सभी कोरोना संक्रमितों (के शव हैं, जो गंगा नदी में बहाए गए हैं. ऐसे में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार को केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय और यूपी व बिहार सरकार को नोटिस जारी करके गंगा नदी में पाई गई लाशों का ब्योरा मांगा है. आयोग ने पूछा है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है और अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है?