हमारी इस रिपोर्ट को आप किसी विचारधारा के जाल में फंसकर नहीं बल्कि जिंदगी की खुली किताब से पढ़िएगा। यह पूरा मामला सूबा मध्यप्रदेश..जिला जबलपुरा और गांव घूंघरी का है। जहां एक बस खाई में जा गिरी। उस बस में कुल 30 लोग सवार थे। 27 लोग तो माने बुरी तरह जख्मी हो गए। घायलों में 12 साल से लेकर 60 साल तक के मजदूर शामिल थे। जैसे ही इसकी सूचना आलाधिकारी को लगी तो सभी सरकारी कारिंदे मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य में लग गए लेकिन इस बीच घायलों को उठा रहे स्ट्रेक्चर कम पड़ गए। अब समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। समझ नहीं आ रहा था कि इन घायलों को कैसे अस्पताल पहुंचाया जाए, लेकिन वहां मौजूद 57 वर्षीय एएसआई संतोष सेन ने न आव देखा न ताव सीधा इन घायलों की जिंदगी को बचाने हेतु इन्हें अपने कांंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया।
गिले शिकवे को परे रखकर पहले उन्होंने मौजूदा स्थिति की संवेदनशीलता को भांपते हुए घायलों की मदद करना मुनासिब समझा। इस शानदार कृत्य का वीडियो अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर जमकर अपना रिएक्शन दे रहे हैं। इस वीडियो को खूब पसंद किया जा रहा है। यकीनन एएसआई यहां पर सिस्टम को कोसने की जगह खुद ही इन मजूदरों के लिए फरिश्ते बने। इतना ही नहीं, खबर है कि उनके इस वीडियो पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी नजर पड़ी। इस वीडियो को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश को एएसआई संतोष जेन पर गर्व है। संतोष जेन पूरे युवा पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उनके जैसे लोग समाज को दिशा दिखाने का काम करते हैं। मैं उनके जज्बे को सलाम करता हूं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।
हैरान की बात तो यह है कि एएसआई संतोष जैन खुद ही चोटिल हैं। उनका एक हाथ ढंग से काम नहीं करता है। दरअसल, 2008 में मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने उनके हाथ पर हमला कर दिया था, जिसकी वजह से उनका एक हाथ ढंग से काम नहीं करता.. ऊपर से उनकी उम्र भी 57 वर्ष की हो चुकी है। आज के जमाने में इस उम्र में पहुंचने के बाद कोई भी शख्स पर बलहीनता हावी होने पर अमादा हो जाती है, मगर इन सभी को ताक पर रखते हुए उन्होंने अपने फर्ज को अदा करना कहीं अधिक मुनासिब समझा। इसके लिए उन्हें दिल से सलाम।