पाकिस्तान (Pakistan) का संयुक्त विपक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है, जिसके बाद से उनकी कुर्सी पर तलवार लटक रही है. इमरान के लिए अगले 24 या 48 घंटे काफी अहम होने वाले हैं. इस प्रस्ताव (No-trust Move) पर मतदान से पहले ही साफ हो जाएगा कि इमरान का राजनीतिक भविष्य कैसा होगा. सरकार के चार सहयोगी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) (PMLQ), मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQMP), बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) जल्द ही अपना फैसला सुना सकती हैं.
इन सहयोगी दलों का फैसला ही तय करेगा कि इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रहेंगे या नहीं. अगर ये सभी विपक्ष के साथ जाने का फैसला लेते हैं, तो इमरान खान का प्रधानमंत्री का सफर यहीं खत्म हो जाएगा. अगर कोई भी सहयोगी दल अलग रहने का फैसला करता है तो वह सरकार के पक्ष में जाएगा ना कि विपक्ष के. पाकिस्तान का विपक्ष अभी सरकार के तीन सहयोगी दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) (PMLQ), बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQMP) के साथ बातचीत कर रहा है. ताकि अविश्वास प्रस्ताव को सफल बनाया जा सके.
दोनों पक्षों का पर्याप्त सदस्य होने का दावा
पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद से पाकिस्तान में राजनीतिक पारा चढ़ गया है. सरकार और विपक्ष दोनों यह दावा करते रहे हैं कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान वाले दिन के लिए पर्याप्त सदस्य हैं. 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री को हटाने के लिए विपक्ष को 172 वोट की जरूरत है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे और अगला आम चुनाव 2023 में प्रस्तावित है. विपक्ष की तरफ से जो सदस्य वोट देंगे, उनका मतदान के समय असेंबली हॉल में रहना भी जरूरी है.
तीनों पार्टियों के नेशनल असेंबली में 17 सदस्य
इन तीनों पार्टियों (सरकार के सहयोगी दल) के नेशनल असेंबली में कुल 17 सदस्य हैं. अगर ये विपक्ष का साथ देती हैं, तो सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से जुड़े सदस्य 179 से कम होकर 162 हो जाएंगे. जबकि संयुक्त विपक्ष के सदस्यों की कुल संख्या 179 तक पहुंच जाएगी. वर्तमान में नेशनल असेंबली की कुल संख्या 341 है, जिसमें एक सीट खाली है. पीटीआई को फिलहाल 179 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है, जबकि विपक्ष के पास संसद के निचले सदन में 162 सदस्य हैं. विपक्ष को 10 और सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी.