विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम (World famous Kedarnath Dham) के कपाट आज भाई दूज के दिन करीब 6 महीने के लिए बंद होंगे। समाधि पूजा के बाद गर्भ ग्रह बंद कर दिया गया। 8:30 बजे मंदिर का मुख्य द्वार किया जाएगा। पैदल यात्रा में डोली आज शाम पहुंचेगी रामपुर, कल गुप्तकाशी और 17 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। 6 महीने तक शीतकाल (Winter) में यहीं बाबा केदार (Baba Kedar) की पूजा अर्चना की जाएगी।
पंचांग के आधार पर खुलते व बंद होते हैं कपाट: केदारनाथ धाम के कपाट खुलने न बंद होने का निर्णय ज्योतिष शास्त्र के आधार पर तय किया जाता है। मंदिर के कपाट खुलने का फैसला अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर लिया जाता है और पंचांग का विचार करते हुए पुजारियों द्वारा डेट व समय तय किया जाता है, जिसकी घोषणा महाशिवरात्रि पर की जाती है। इस साल 25 अप्रैल 2023 को मंदिर के कपाट खुले थे।
गंगोत्री मंदिर के कपाट हुए बंद
गंगोत्री मंदिर के कपाट मंगलवार को अन्नकूट पर्व पर पूजा अर्चना के साथ अपराह्न 1145 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन पड़ाव मुखीमठ मुखबा के लिए रवाना हुई। डोली बुधवार को मुखबा पहुंचेगी। अब श्रद्धालु आगामी छह माह तक मुखीमठ में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। वहीं, बुधवार को केदारनाथ व यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद होने हैं।
मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारी सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुई। इसके बाद अमृत बेला स्वाती नक्षत्र प्रीतियोग शुभ लग्न पर 11.45 बजे गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद किए गए।
कब बंद कर दिए जाते हैं कपाट
केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।