केंद्र सरकार (Modi Government) ने नागालैंड (Nagaland) और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। यह फैसला इन राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है। AFSPA के तहत, इन क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों को लोगों की तलाशी लेने, गिरफ्तारी करने और विशेष परिस्थितियों में फायरिंग करने के व्यापक अधिकार प्राप्त होते हैं।
नागालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 थाना क्षेत्रों को पहले ही एक अप्रैल, 2024 से छह महीने के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जा चुका था। अब इन क्षेत्रों को एक अक्टूबर, 2024 से और छह महीने के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया है।
अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम की सीमा से लगे नामसाई जिले के कुछ हिस्सों को भी एक अप्रैल, 2024 से ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया था। अब इस क्षेत्र को भी एक अक्टूबर, 2024 से छह महीने के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया है।
AFSPA को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा है। मानवाधिकार कार्यकर्ता इस कानून का विरोध करते हुए इसे लोगों के अधिकारों का हनन बताते हैं। उनका कहना है कि इस कानून के तहत सशस्त्र बलों को दिए गए व्यापक अधिकारों का दुरुपयोग होता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के 70 प्रतिशत हिस्से से AFSPA हटा लिया गया है, हालांकि यह जम्मू-कश्मीर में फिलहाल लागू है।