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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने को कोई समयसीमा नहीं

केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई सटीक समय-सीमा नहीं बता सकती।अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने के लिए उत्तरोत्तर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन, मैं पूर्ण राज्य के दर्जे के बारे में अभी सटीक समय अवधि बताने में असमर्थ हूं।”

मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है, क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करने का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जायेगा।

मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा के बारे में केंद्र सरकार से निर्देश मांगने को कहा, जि‍से 2019 में दो केंद्र शासित प्रदेशों में डाउनग्रेड कर दिया गया था।

सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि पूर्ववर्ती राज्य “स्थायी रूप से केंद्र शासित प्रदेश” नहीं हो सकता, और कहा कि लोकतंत्र की बहाली बहुत महत्वपूर्ण थी।