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कुवैत अग्निकांड वाली बिल्डिंग में ठूंसकर रखे गए थे 196 मजदूर, धुएं ने नींद में ही ले ली जान

कुवैत (Kuwait) की एक इमारत (building) में बुधवार तड़के लगी भीषण आग (Big fire) में 50 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर हैं. इनमें बड़ी संख्या भारतीयों (Indian) की हैं. बताया जा रहा है कि मृतकों में 40 से अधिक भारत के नागरिक हैं.

इस अग्निकांड को लेकर कुवैत से लेकर भारत में सनसनी मची हुई है. कुवैत सरकार ने इस घटना में लापरवाही को जिम्मेदार ठहाराते हुए बिल्डिंग मालिक और अन्य लोगों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. सरकार ने इस आग को लालच का नतीजा बताया है.

अचानक कैसे लगी आग?

दक्षिणी कुवैत के मंगाफ में NBTC ग्रुप ने इस बिल्डिंग को किराए पर लिया था. कंपनी ने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों का इस बिल्डिंग में रहने का इंतजाम किया था. इस बिल्डिंग में कुल 196 लोग रह रहे थे, जो कि क्षमता से बहुत अधिक था. कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इन मजदूरों को ठूंस-ठूंसकर इस बिल्डिंग में रहने को मजबूर किया जा रहा था.

नाइट शिफ्ट करके आए मजदूर सो रहे थे

ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी. छह मंजिला इस इमारत के किचन में आग लगी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई. यहां रहने वाले अधिकतर मजदूर नाइट शिफ्ट करके लौटे थे और सो रहे थे. आग लगने की वजह से कई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. तंग जगह होने की वजह से कई लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. वहीं, कुछ लोगों ने जान बचाने के लिए अपनी-अपनी मंजिलों से छलांग भी लगाई.

गृहमंत्री का कहना है कि अधिकतर मौतें दम घुटने की वजह से हुई हैं. वहीं, कुवैत के अमीर मिशाल अल अहमद अळ जबेर अल सबाह ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

कुवैत सरकार ने उठाए सवाल?

इस अग्निकांड के बाद कुवैत सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है. आग लगने की घटना के बाद कुवैत के गृहमंत्री शेख फहद अल यूसुफ अल सबह घटनास्थल पर पहंचे और बिल्डिंग मालिक की गिरफ्तारी का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में आवासीय कानून (Law of House) का उल्लंघन हुआ है. नियमों का उल्लंघन करके विदेशी मजदूरों को अत्यधिक असुरक्षित स्थितियों में रहने को मजबूर किया जा रहा था ताकि कंपनी मालिक खर्चों में कटौती कर सकें.

बिल्डिंग का मालिक है मलयाली

कुवैत की जिस इमारत में आग लगी है. वह मलयाली कारोबारी केजी अब्राहम नाम के शख्स की है. केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के बिजनेसमैन हैं, जिनकी कंपनी 1977 से कुवैत की ऑयल एंड इंटस्ट्रीज का हिस्सा है. मारे गए मजदूर इसी कंपनी में काम करते थे.

विदेशी कामगारों पर निर्भर है कुवैत की अर्थव्यवस्था

कुवैत की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर विदेशी कामगारों पर निर्भर हैं, जो बड़ी संख्या में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम करते हैं. कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 10 लाख भारतीय इस समय कुवैत में रह रहे हैं. इनमें एक बड़ी संख्या मजदूरों, इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट और टेक्नीशियन हैं.

इसे कुवैत के इतिहास की सबसे भीषण आग बताया जा रहा है. इससे पहले 2009 में कुवैत में एक महिला ने प्रतिशोध के इरादे से एक शादी समारोह में आग लगा दी थी, जिसमें 57 लोगों की मौत हो गई थी.