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किसान आंदोलन :पीएम मोदी ने खुद संभाला मोर्चा, आज शाम तक हो सकता है बड़ा ऐलान

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है। बीते 10 दिनों से लाखों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं। हालांकि इस मसले को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब तक 4 दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। किसान कानूनों को खत्म करने की अपनी मांग पर अड़े हैं। आज एक बार फिर केंद्र सरकार इस मसले का हल निकालने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने जा रही है। किसानों के इस आंदोलन को देखते हए अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है।

 

किसानों के साथ आज मीटिंग से पहले पीएम मोदी के आवास पर कंद्र के बड़े मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक हुई इसमें गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल भी मौजूद थे। पीएम मोदी के साथ किसान आंदोलन को लेकर गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की बैठक करीब 11.40 बजे खत्म हो गई। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। माना जा रहा है कि सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है, जिन पर किसानों को ऐतराज है। कहा यह भी जा रहा है कि सरकार किसानों को लिखित आश्वासन दे सकती है।

बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज दोपहर 2 बजे किसानों के साथ एक बैठक निर्धारित है। मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन समाप्त करेंगे।

 

उधर, किसान अपने रुख पर अड़े हुए हैं और सरकार को सीधे तौर पर चुनौती दे रहे हैं। किसान कह रहे हैं कि अगर आज की बातचीत विफल रही तो वह यहां से दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि वह चाहते हैं कि तीनों कानून वापस हों, इससे कम में वह मानने वाले नहीं। किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का भी ऐलान किया है।

यही नहीं, किसान संगठन आज केंद्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे। दरअसल, किसान समुदाय को आशंका है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की अनुकंपा पर छोड़ दिया जाएगा। हालांकि सरकार लगातार कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरूआत होगी।

वहीं इस बीच, किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने कहा कि सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए और उसे लिखित में देना होगा कि एमएसपी जारी रहेगी।