केंद्र सरकार की ओर से लागू गए कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन शुरू किया था. किसानों के इस आंदोलन के आज एक साल पूरे हो गए हैं. किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर राकेश टिकैत ने आजतक से बात करते हुए इस विषय पर बेबाकी से अपनी राय रखी कि एक साल में किसान आंदोलन से क्या हासिल हुआ. राकेश टिकैत ने कहा कि पिछले एक साल में किसानों ने कुछ नहीं खोया है बल्कि एकजुटता पाई है. उन्होंने कहा कि घर पर रहकर आंदोलन कैसे चलता है, वैचारिक रूप से कैसे आंदोलन चलता है, ये सब हमने एक साल में सीखा है. राकेश टिकैत ने कहा कि सभी उत्पाद आधे दाम पर बिक रहे हैं तो हमारी जीत कहां. हमें तो एमएसपी पर गारंटी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरकार कहां बात मान रही है. क्या हमें एमएसपी पर गारंटी दे दी क्या? किसानों को सीधा फायदा एमएसपी की गारंटी से होगा. वह ये दे नहीं रहे और फिर बहस छेड़ रहे हैं कि किसान नहीं मान रहे. उन्होंने कहा कि आंदोलन के आज एक साल पूरे हुए हैं. तारीख पर तो लोग अपने आप ही आ जाते हैं. ट्रैक्टर क्या अफगानिस्तान का टैंक है क्या? ये हिंदुस्तान में या खेतों में चलने वाला ट्रैक्टर नहीं है? राकेश टिकैत ने कहा कि 29 तारीख को ट्रैक्टर का प्रोग्राम है. हम तो खुले रास्ते से ट्रैक्टर लेकर के जाना चाह रहे हैं. सरकार ने एफिडेविट दे रखा है कि सारा रास्ता खुला है. उन्होंने कहा कि आंदोलन ठीक जा रहा है. यह खेत से संसद की ओर जा रहा है. यह आंदोलन खेत में चलेगा और मजबूती से आगे बढ़ेगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन खेत से सियासत के रास्ते पर चलेगा और बीजेपी की तो खिलाफत करनी पड़ेगी क्योंकि काम कर नहीं रहे. उन्होंने चुनावी राजनीति के सवाल पर कहा कि हम आंदोलनकारी हैं. हम सड़कों का चुनाव लड़ते हैं. टिकैत ने असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी को चाचा-भतीजा करार दिया और कहा कि ये हिंदू-मुस्लिम करवाते हैं. किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर दिल्ली पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिल्ली की सीमा पर बड़ी तादाद में किसानों के जमावड़े को देखते हुए कई जगह सुरक्षा इंतजामात कड़े किए गए हैं.