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किसान आंदोलन: आज किसानों का अनशन, दिल्ली के बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा, किसानों के समर्थन में ये मुख्यमंत्री करेंगे उपवास

दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान 19वें दिन भी डेरा डाले हुए हैं. कोरोना का खतरा और गिरते पारे के बीच उनकी बड़ी लड़ाई जारी है. भारत बंद और सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसान नेताओं ने अपने आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है. किसान संगठनों ने कहा है कि वो दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सोमवार को दिनभर के लिए अनशन करेंगे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों के समर्थन में अनशन करने का फैसला किया है तो उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को धार देने की किसानों की मुहिम की एक झलक भी रविवार को देखने को मिली. राजस्थान से दिल्ली कूच कर रहे किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर रोक लिया गया तो किसान वहीं धरने पर बैठ गए. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उत्तराखंड के कुछ किसानों ने मुलाकात की और नए कृषि कानूनों का समर्थन किया.

बहरहाल, रविवार को दिल्ली के सिधु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने इस बात की जानकारी दी कि आंदोलन के आगे की रूपरेखा को लेकर उनके बीच चर्चा हुई है. किसान नेताओं की बैठक में तय हुआ कि किसान सिंघु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाकों पर अनशन करेंगे. किसान नेता गुरनाम सिंह चिडोनी ने बताया कि किसान सोमवार सुबह 8 से शाम 5 बजे तक एक दिवसीय अनशन पर रहेंगे. यह धरना सभी जिला मुख्यालयों पर भी होगा.

किसान नेता शिव कुमार कक्का बोले कि किसानों का रुख साफ है. हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हैं. सभी किसान नेता साथ हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि हमारी चार मांगें हैं. पहला, तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं. दूसरा, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी का कानून बनाया जाए. तीसरा प्रस्तावित बिजली बिल रद्द किया जाए और चौथा, पराली जलाने को लेकर किसानों का शोषण बंद हो. किसानों के पक्ष में उतरे केजरीवाल और उद्धव

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने किसानों के समर्थन में सोमवार को एक दिन का उपवास रखने का फैसला किया है. उन्होंने लोगों से भी उपवास रखने की अपील की है. कहा कि सब लोग अपने घर में एक दिन का उपवास रखें और किसानों की मांग का समर्थन करें. महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी किसानों के पक्ष में बोले और बीजेपी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिन-रात इस सर्द मौसम में खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं और बीजेपी उन्हें एंटी नेशनल, पाकिस्तानी और खालिस्तानी बता रही है. यह हमारी संस्कृति नहीं है. किसानों से बात करने के बजाय बीजेपी उन्हें पाकिस्तानी, एंटी नेशनल बोल रही है. ये वही लोग (बीजेपी) हैं जो पाकिस्तान से चीनी और प्याज ला रहे हैं, तो अब वही पाकिस्तान से किसान भी ला रहे हैं?