मोदी सरकार किसानों की आर्थिक मदद करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार नए प्रयास कर रही है। अब केंद्र सरकार ने किसानों के लिए 1000 करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी स्कीम की शुरुआत की है। इस स्कीम से किसानों को इलेक्ट्रॉनिक वेयरहाउस रसीदों का लाभ उठाकर फसल कटाई के बाद कर्ज प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य भंडारगृह विकास एवं नियामक प्राधिकरण (WDRA) रजिस्टर्ड रिपॉजिटरी द्वारा जारी इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीदों (e-NWR) के बदले कर्ज देने में बैंकों की अरुचि को कम करना है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि किसानों द्वारा मजबूरी में की गई बिक्री को कम करने के लिए इस फंड की शुरुआत की जा रही है। इस गारंटी में छोटे और सीमांत किसानों को दिए जाने वाले 75 लाख रुपए तक लोन और गैर कृषि व्यापारियों को दिए जाने वाले 2 करोड़ रुपए तक के लोन शामिल हैं। ऐसे लोन के लिए ब्याज दर बैंकों द्वारा ली जाने वाली MCLR या न्यूनतम ब्याज दर के अलावा अधिकतम 3% प्रति वर्ष तक सीमित है।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि वर्तमान में फसल उपरांत लोन 21 लाख करोड़ रुपए के कुल कृषि लोन में से केवल 40,000 करोड़ रुपए है। वर्तमान में ई-एनडब्ल्यूआर के तहत लोन मात्र 4,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस स्कीम के बाद अगले 10 सालों में फसल उपरांत लोन बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।
सचिव ने ई-किसान उपज निधि (e-Kisan Upaj Nidhi) ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को स्ट्रीमलाइन करने पर भी जोर दिया। सचिव ने कहा कि हाल ही में शुरू किए गए ई-किसान उपज निधि प्लेटफॉर्म से किसानों को बैंको से बार बार संपर्क किए बिना लोन देने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। चोपड़ा ने कहा कि अधिक वेयरहाउस का पंजीकरण करना और उन्हें योजना के दायरे में लाना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगले 1-2 सालों में वेयरहाउस पंजीकरण को बढ़ाकर 40,000 करने की जरूरत है।”