हरियाणा: इशिता सांगवान ने अन्य बेटियों को एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बेटियां बड़ा लक्ष्य निर्धारित करें और फिर पूरी शिद्दत से उसे पाने के लिए मेहनत करने में जुट जाएं।
एनडीए के जरिये देश की पहली पायलट बनीं चरखी दादरी जिले के गांव छपार निवासी इशिता सांगवान मंगलवार सुबह अपने पैतृक गांव पहुंचीं। वो सीधे गांव के बाबा जमुना दास मंदिर पहुंचीं और वहां मत्था टेक कर महंत से आशीर्वाद लिया। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों से मुलाकात की।
संवाददाता के साथ इशिता सांगवान ने अपनी उपलब्धि की कहानी भी सांझा की। उन्होंने बताया कि वो कोटा में थीं और उस दौरान पिता चरण सिंह सांगवान ने फोन कर बताया कि लड़कियां भी अब एनडीए में जा सकती हैं। यह सुनकर बेहद खुशी हुई। इससे पहले यह विकल्प न होने के कारण सिविल सर्विसेज में जाना लक्ष्य था, लेकिन इसके बाद एनडीए को चुना।
इशिता सांगवान ने बताया कि उस दौरान 12वीं कक्षा की परीक्षा की तैयारियों में जुटी थीं और एक माह के बाद एनडीए की लिखित परीक्षा थी। 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के लिए की जा रही तैयारी का काफी फायदा हुआ जबकि इसके बाद 15 दिन की तैयारी कर एसएसबी भी क्लीयर कर दिया। 6 अगस्त को घर ज्वाइनिंग लेटर पहुंचा और 9 को पुणे जाकर ज्वाइन कर लिया। तीन साल के प्रशिक्षण पूरा कर बेहद खुशी है। माता-पिता को कामयाबी से जो सम्मान मिल रहा है, उसकी खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकती।
हैदराबाद में होगी आगे की ट्रेनिंग
इशिता सांगवान के पिता चरण सिंह सांगवान और मां अनीता सांगवान ने बताया कि पायलट की आगामी ट्रेनिंग पर हैदराबाद में होगी। वहीं, इशिता ने बताया कि अब प्रशिक्षण के बाद ही पता चलेगा कि अगली विंग कौन-सी मिलेगी। अभी यह तय नहीं है कि वो लड़ाकू जहाज उड़ाएगी, कार्गाें विमान या फिर हेलीकॉप्टर।
इशिता बोलीं: बेटियां बड़ा लक्ष्य करें निर्धारित, असंभव कुछ भी नहीं
इशिता सांगवान ने अन्य बेटियों को एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बेटियां बड़ा लक्ष्य निर्धारित करें और फिर पूरी शिद्दत से उसे पाने के लिए मेहनत करने में जुट जाएं। फिर देखेंगी कि कुछ भी असंभव नहीं है। लक्ष्य प्राप्ति के बाद खुशी मिलती है और ताउम्र उसका फक्र रहता है।