आम बजट (general budget)के जरिए केंद्र सरकार (Central government)इस बार किसानों के लिए खजाना खोल सकती है। माना जा रहा है कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan credit card)की लिमिट बढ़ाने(Increasing the limit) से लेकर कृषि उपकरणों पर सब्सिडी बढ़ाए जाने समेत अतिरिक्त रियायतें देने का भी ऐलान कर सकती है। किसान सम्मान निधि से जुड़े धनराशि को भी बढ़ाए जाने की पूरी संभावना है।
पार्टी से जुड़े संगठन और केंद्र सरकार को समर्थन दे रहे राजनीतिक दल भी चाहते हैं कि सरकार किसानों के हितों में बड़े फैसले ले, जिससे नके बीच स्पष्ट संदेश जाए कि सरकार खेती-किसानी को लेकर गंभीर है। बीते दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ समेत अन्य किसान संगठनों ने भी वित्त मंत्री के सामने अपनी मांगों को रखा था। कृषि मंत्रालय ने भी अपनी तरफ से कुछ प्रस्ताव भेजे हैं।
किसान संघ के अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी का कहना है, हमने पहली मांग किसान सम्मान निधि को बढ़ाने की रखी है, क्योंकि सरकार ने वर्ष 2018-19 में किसानों को छह हजार रुपये सालाना देने का प्रावधान रखा। उसके बाद से लगातार महंगाई बढ़ी है और किसानों की लागत भीद। इसको देखते हुए सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 10-12 हजार रुपये सालाना कर देना चाहिए।
केसीसी की लिमिट बढ़ने की उम्मीद
वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर तीन लाख रुपये का ऋण लेने पर सालाना सात प्रतिशत का ब्याज लगता है, जिसमें से तीन प्रतिशत वापस किसान को मिल जाता है। यानी शुद्ध रूप से किसान को चार प्रतिशत की ब्याज पर केसीसी से ऋण मिलता है। महंगाई बढ़ने के साथ कृषि लागत में हुए इजाफे को देखते हुए सरकार तीन लाख की लिमिट को बढ़ाने का फैसला कर सकती है। संभावना है, चार से पांच लाख तक का ब्याज चार फीसदी की दर से देने का फैसला लिया जा सकता है।
सोलर पंप का बहुपयोगी इस्तेमाल
देश भर में किसानों को सिंचाई के लिए केंद्र सरकार सब्सिडी दरों पर सोलर पंप मुहैया करा रही है। अलग-अलग किलोवॉट के पंप दिए जा रहे हैं। किसान संगठन चाहते हैं कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि सोलर पंप से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल चक्की चलाने, चारा काटने और घरेलू उपयोग के लिए भी हो सके। इस पर सरकार भी विचार कर रही है, जिसको लेकर बजट में घोषणा संभव है।
ज्यादा सब्सिडी या टैक्स दरों में कटौती
कृषि उपकरणों की खरीद पर केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी लगाई जा रही है। किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार कृषि उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी को हटाए या फिर किसानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ दे। जानकार बताते हैं कि सरकार कृषि उपकरणों पर जीएसटी की दरों को कम कर सकती है या फिर ज्यादा सब्सिडी देने का फैसला ले सकती है।