दिल्ली की सड़कों पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा की हर ओर आलोचना हो रही है। किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव में दिल्ली पुलिस को भी निशाना बनाया गया। वहीं दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा को लेकर जांच तेज कर दी है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि सेंट्रल दिल्ली में हुई हिंसा में गैंगस्टर व एक्टिविस्ट लक्खा सदाना की भूमिका की जांच की जा रही है।
कुछ किसानों का दावा है कि हिंसा को लक्खा सिधाना ने भी भड़काया था। इस बीच कुछ दिन पहले का लक्खा सिधाना का एक वीडियो सामने आया है, जहां वो पंजाब के एक गांव में लोगों को भड़का रहा है कि 26 जनवरी को दिल्ली में बड़ी से बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों और लोगों की भीड़ को लेकर पहुंचना होगा तभी सरकार उनके सामने झुकेगी।
साथ ही वीडियो में लक्खा सिधाना मीडियाकर्मियों भी धमका रहा है कि वो उसके खिलाफ इस तरह की खबरें और प्रचार ना करें कि उसने युवाओं को भड़काया है। वीडियो इसी महीने 17 जनवरी का है। बता दें कि पूर्व गैंगस्टर और अब खुद को समाजसेवी बताने वाले लक्खा सिधाना के खिलाफ पंजाब में दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे अपराध शामिल हैं। साथ ही लक्खा पर आर्म्स एक्ट के मामले भी दर्ज हो चुके हैं। इन मामलों में कई साल की सजा भी काट चुका है।
वहीं अगर बात करें दिल्ली ट्रैक्टर मार्च की तो दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ऐसा उत्पात मचेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मगर हकीकत तो यही है कि 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा बवाल काटा, जिसकी गूंज काफी समय तक सुनाई देगी। ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में 86 पुलिसकर्मी समेत 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हालांकि, अब इस मामले में पुलिस ने एक्शन लिया है और अब तक 22 एफआईआर दर्ज की हैं। दिल्ली के 6 जिलों में दर्ज की गई इन एफआईआर में बलवा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और हथियार लूटने जैसी धाराएं शामिल हैं। माना जा रहा है कि अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी। दिल्ली की सीमाओं मसलन सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से शुरू हुआ ट्रैक्टर परेड हिंसा, झड़प और बवाल के बीच लाल किला पर पहुंचकर खत्म हुआ।
वहीं दिल्ली पुलिस ने बताया कि आईटीओ में कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में आईपी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। अज्ञात प्रदर्शनकारियों समेत उस किसान के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जिसकी ट्रैक्टर की चपेट में आने के बाद मौत हो गई थी।
लाल किले पर प्रदर्शनकारियों के झंडा फहराने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
मुंबई के एक विधि छात्र ने मंगलवार को देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया कि गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान यहां लाल किले में हुई हिंसा का वह स्वत: संज्ञान लें। मुंबई विश्वविद्यालय के छात्र आशीष राय द्वारा लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा आतंक फैलाया गया। पत्र में कहा गया है कि जिस प्रकार से लाल किले में भारत के राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर अन्य समुदाय के झंडे को लहराया गया, उससे देश के सम्मान और गरिमा को चोट पहुंची। इसमें दावा किया गया है कि इस दौरान बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। पत्र में कहा गया है कि यह एक शर्मनाक घटना है और इस घटना से पूरा देश आहत हुआ है। इस घटना के कारण देश के संविधान के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान हुआ है। इस तरह के कृत्यों से भारतीय नागरिकों की संवैधानिक भावनाएं आहत होती हैं। पत्र में अनुरोध किया गया है कि इस असंवैधानिक कृत्य में शामिल असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर जांच और आरोपियों को दंडित करने के लिए इस पूरे मामले में एक विशेष जांच समिति गठित की जाए।