प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम परियोजना का उद्घाटन करेंगे. समारोह में भाजपा के सभी मुख्यमंत्री (BJP CM) और डिप्टी सीएम शामिल होंगे और इसका देशभर में 51,000 से अधिक स्थानों में सीधा प्रसारण किया जाएगा. करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बने काशी विश्वनाथ धाम को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी कहा जाता है. इसमें छोटी बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं, इससे आप इसकी भव्यता का अंदाजा लगा सकते हैं.
धाम का उद्घाटन करने से पहले पीएम कालभैरव मंदिर में दर्शन करेंगे और फिर गंगा घाट से जलभर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करेंगे. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र को बदल देगा क्योंकि 20-25 फीट चौड़ा कॉरिडोर गंगा पर ललिता घाट को मंदिर परिसर में मंदिर चौक से जोड़ेगा (Kashi Vishwanath Inaugration). मार्च 2018 में शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी परियोजना, 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री द्वारा किए गए कई विकास कार्यों में से एक है. इस साल की शुरुआत में, पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का उद्घाटन किया था.
तंग रास्ते से मिलेगी आजादी
काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण होने से अब काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को तंग और संकरे रास्ते से निजात मिलेगी. काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रमुख अर्चक श्रीकांत का कहना है कि बेहद ही भव्य धाम का निर्माण हुआ है. उनका कहना है कि पीएम मोदी सबसे पहले ललिता घाट से गंगा से कलश लेकर आएंगे. फिर वह गर्भगृह में आकर पांच नदियों के जल से बाबा विश्वनाश का जलाभिषेक करेंगे और पूजन करेंगे (PM Modi in Kashi). पीएम के ललिता घाट से आते ही 151 सदस्यों वाला डमरू दल लगातार डमरू का वादन करेगा. इस दल के प्रमुख राजेश उपाध्यक्ष हैं, उनका कहना है कि प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए वह तैयार हैं. डमरू का वादन मुख्य रूप से मंदिर चौक से होगा.
गर्भगृह में पीएम और पुजारी होंगे
काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो नागेंद्र पांडेय का कहना है कि कॉरिडोर के काम से पीएम मोदी को बेहद लगाव रहा है. तभी इतना बड़ा काम हो सका. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री उनके मेहमान होंगे और उनसे बाबा विश्वनाथ की पूजा करवाई जाएगी. इस दौरान डमरू वादन, शंख वादन और वेद मंत्रों का जाप होगा. सभी न्यास के सदस्य यहां मौजूद रहेंगे. पूजा के दौरान बाबा विश्वनाथ को जल और फूल का अर्पण होगा. फिर पीएम मोदी ही उनकी आरती करेंगे. पूजन को षोडशोपचार विधि से पूरा कराया जाएगा. जब पीएम गर्भगृह में होंगे, तब उनके साथ केवल पुजारी और न्यास से जुड़े लोग होंगे. उद्घाटन से पहले ही मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ गई है.