पांच दिन तक चलने वाले दिवाली त्योहार की देश भर में धूम है। आज छोटी दिवाली मनाई जा रही है, तो वहीं गुरुवार को लक्ष्मी पूजा फिर भाई दूज और छठ का पावन त्योहार मनाया जाएगा। त्योहारी सीजन में मिठाइयों की मांग अधिक बढ़ जाती है। मिठाइयों की ज्यादा बिक्री के चलते बाजार में नकली मावे की मिठाइयां भी आ जाती हैं। ऐसे में यदि आप भी मिठाइयॉं खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको सावधान रहना होगा।
मिठाइयां बनाने में खोया का प्रयोग किया जाता है। मगर इसकी शुद्धता को लेकर सवाल खड़े होते हैं। कुछ लोग सिंथेटिक खोया का प्रयोग मिठाइयां बनाने में करते हैं। इसलिए आप चाहे बाजार से मिठाई लाएं या फिर घर में मिठाई बनाने के लिए खोया खरीदकर लाएं, आपको सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि मिलावटी खोया की मिठाइयां आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
ऐसे करें नकली की पहचान
– खोया में थोड़ी सी चीनी डालकर गर्म करें, यदि वो पानी छोड़ने लगे तो मिलावटी है।
– मावा को लेकर हाथ पर रगड़ें, असली होने पर इसमें देसी घी की खुशबू आने लगेगी तो वहीं नकली में अजीब सी दुर्गंध होगी।
– असली मावा खाने पर मुंह में चिपकता नहीं है, जबकि नकली मावा खाने पर मुंह में चिपक जाता है। असली मावा होने पर कच्चे दूध टेस्ट महसूस कर सकेंगे। मिलावटी मावा पानी में डालने पर टूटकर अलग हो जाएगा, जबकि असली मावा पानी में घुल जाएगा।
– मोवा थोड़ा सा खाकर देखिए, मावा यदि दानेदार लगे तो ये मिलावट होने के संकेत हैं।
नकली मावा ऐसे बनता है
नकली मावा बनाने में स्टार्च, आयोडीन, सिंघाड़े का आटा और आलू मिलाया जाता है जिससे उसका वजन बढ़ सके। साथ ही नकली मावा, असली मावा की तरह दिखे, इसके लिए इसमें कुछ केमिकल भी मिलाया जाता है। कुछ दुकानदार मिल्क पाउडर में वनस्पति घी मिलाकर मावे को बनाते हैं।
ऐसे बनता है सिंथेटिक दूध
– बाजार में सिंथेटिक दूध की बिक्री भी बढ़ जाती है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए उसमें यूरिया डालकर उसे हल्की आंच पर उबाला जाता है।
– फिर इसमें कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च और फॉरेमैलिन मिलाया जाता है। साथ ही इसमें थोड़ा असली दूध भी मिलाया जाता है।
– मिलावटी मावा और सिंथेटिक दूध पीने से फूड पॉयजनिंग, उल्टी और दस्त हो सकता है। ये किडनी पर भी बहुत बुरा असर डालता है।
– ज्यादा मात्रा में नकली मावे से बनी मिठाई खाने से लीवर को भी नुकसान पहुंचता है।