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करगिल शहीद के बेटे ने IIM एडमिशन के ऑफर्स को ठुकराया, आर्मी ऑफिसर बनने का है सपना

वर्ष 1999 में करगिल युद्ध में शहीद हुए लांस नायक कृष्णजी समरीत के पुत्र प्रज्‍ज्‍वल समरित (Prajwal Samrit) ने देहरादून (Dehradun) में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शामिल होकर अपने पिता के रास्‍ते पर चलने की राह चुनी है. IIM इंदौर और IIM कोझिकोड से ऑफर मिलने के बावजूद प्रज्‍ज्वल ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए सेना में सेवा करने का साहसी निर्णय लिया है.

महाराष्ट्र के वर्धा जिले की पुलगांव तहसील में रहने वाले प्रज्‍ज्वल अपनी मां सरिता और बड़े भाई कुणाल के साथ रहते हैं. भाई MTech पूरा करने के बाद पुणे में काम करते हैं. प्रज्‍ज्वल ने अपने स्कूल के दिनों से ही अकादमिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. उन्‍होंने MBA के लिए CAT परीक्षा में 97.51 पर्सेंटाइल हासिल किया जिसके चलते देश के टॉप IIMs से उन्‍हें दाखिले का प्रस्‍ताव मिला है.

हालांकि, उन्होंने प्रतिष्ठित IMA में एडमिशन लेने और भारतीय सेना में अपना करियर बनाने का फैसला किया. पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक्स पूरा करने के बाद, प्रज्‍ज्वल ने सफलतापूर्वक SSB परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय सेना के लिए जरूरी मेडिकल परीक्षा प्राप्‍त की.

उन्हें देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में स्वीकार कर लिया गया है, जहां वह जुलाई के पहले सप्ताह में 18 महीने का ट्रेनिंग कोर्स शुरू करेंगे. ट्रेनिंग पूरा होने पर वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में देश की सेवा करेंगे.

प्रज्‍ज्वल ने कहा कि वह अपने पिता की शहादत के 45 दिन बाद पैदा हुए थे. उनकी मां को हमेशा उम्मीद थी कि उनका बेटा एक न एक दिन सेना में जरूर शामिल होगा. अपने पिता के सपने को पूरा करने के प्रज्‍ज्वल के प्रयास से पूरा परिवार गर्व और खुशी महसूस कर रहा है.